इलाहाबाद जनपद में सिंचाई गहनता: विकासखण्डवार अध्ययन

Authors(1) :-देवेन्द्र प्रताप सिंह

प्रस्तुत शोध पत्र इलाहाबाद जनपद के विकासखण्डवार सिंचाई गहनता के अध्ययन पर आधारित है। चूंकि शोध क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, इसलिए कृषि विकास हेतु सिंचाई गहनता के प्रभावों का विश्लेषण और अधिक आवश्यक हो जाता हैए जिससे समस्याओं की पहचान कर उसके समाधान हेतु उचित कदम उठाए जा सके। सिंचाई का कृषि विकास व खाद्यान्न उत्पादन पर प्रत्यक्षतः धनात्मक संबंध होता है। अध्ययन क्षेत्र में सिंचाई गहनता में व्यापक परिवर्तन देखने को मिलताहै। जिसका प्रमुख कारण सिंचाई के साधनों का समान रूप से विकास ना होना है। सिंचाई के साधनों में शोध क्षेत्र में नदियों का एक जाल सा देखने को मिलता है तथा ट्यूबवेल का सबसे व्यापक स्तरपरउपयोग देखने को मिलता है,वहीं नहर जलाशय और कुओं का भी प्रयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। इस समय यहां पर सबसे बड़ी समस्या भूजल स्तर में निरंतर कमी उभर कर सामने आई है तथा वहीं कृषि कार्य हेतु अनियंत्रित सिंचाई का उपयोग भी समस्या बनकर उभर रहा है। जनपद में भूमिगत व सतही जल की पर्याप्तता के बावजूद परंपरागत सिंचाई प्रणालियों के उपयोग से कृषि कार्यों में अपेक्षित मात्रा से अधिक जल उपयोग किया जाता है। ऐसी स्थिति में संपूर्ण जनपद में सिंचाई के वैज्ञानिक व आधुनिक पद्धतियों को बढ़ावा तथा कृषकों को जागरूक करके एक बेहतर सिंचाई प्रणाली से भविष्य में कृषि उत्पादकता में वृद्धि से जनपद की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक विकास देखने को मिलेगा।

Authors and Affiliations

देवेन्द्र प्रताप सिंह
शोध छात्र, भूगोल विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ उ०प्र०।

सिंचाई, जल संसाधन, सिंचाई गहनता, अधोपृष्ठीय जल, शुद्ध सिंचित क्षेत्र, कृषि विकास, जलापूर्ति, भू-पृष्ठीय जल, खाद्यान्न।

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Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 6 | November-December 2022
Date of Publication : 2022-12-20
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 161-167
Manuscript Number : GISRRJ225628
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

देवेन्द्र प्रताप सिंह, "इलाहाबाद जनपद में सिंचाई गहनता: विकासखण्डवार अध्ययन ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 5, Issue 6, pp.161-167, November-December.2022
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ225628

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