धर्मनिरपेक्षता के पाश्चात्य एवं भारतीय सन्दर्भ

Authors(1) :-डाॅ पांचू राम मीणा

धर्मनिरपेक्षता का दूसरा पक्ष दृष्टिकोण या स्वभाव के सन्दर्भ में हैं। इसमें बौद्धिक एवं वैज्ञानिक उपायो के द्वारा मानव कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करने की भावना निहित है। यहाँ जीवन एवं जगत की समस्याओं के समाधान के लिए स्वतंत्र बौद्धिक चिंतन को महत्व दिया गया है। इसी दृष्टि से भारतीय संविधान में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं मानवतावाद को विकसित करना नागरिकों का कत्र्तव्य माना गया है।

Authors and Affiliations

डाॅ पांचू राम मीणा
(प्रधानाचार्य) कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय,जयपुर, महाराज विनायक ग्लोबल विश्वविद्यालय, ढंढ, आमेर,जयपुर, भारत।

धर्मनिरपेक्षता, पाश्चात्य, भारतीय, बौद्धिक, वैज्ञानिक, मानव।

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Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 1 | January-February 2023
Date of Publication : 2023-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 06-09
Manuscript Number : GISRRJ23612
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ पांचू राम मीणा, "धर्मनिरपेक्षता के पाश्चात्य एवं भारतीय सन्दर्भ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 6, Issue 1, pp.06-09, January-February.2023
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ23612

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