Manuscript Number : GISRRJ23622
विद्यापति आ हुनक रचना संसार
Authors(1) :-डाॅ. श्रवण कुमार मिथिला विभूति आ बिहारक गौरव विद्यापतिक बहुआयामी व्यक्तित्व संपूर्ण भारतीय परिवेश मे विद्वान आ आमजन के बीच विचारणीय रहल अछि। विद्यापति कविक-कवि मानल जाइत छथि। ओ नीतिशास्त्री, परंपरावादी छलाह किन्तु यथार्थवादी आ सुधार-वादियो छलाह। विद्यापति संस्कृत, अवहट्ट, मैथिली एहि भाषा मे रचना कयने छलाह। हुनक रचना सँ बंगाल, उड़ीसा, आसाम, नेपाल प्रभावित छल। विद्यापति केँ कोनो सीमा मे बाँन्हि कऽ आंकलित करबाक अर्थ होयत जे विद्या के विद्यापति सँ अलग करब। शृंगार रस होइ या भक्ति रस, नीतिशास्त्र होइ या दार्शनिक चिंतन आम लोकक संदर्भ मे विद्यापति एहि सब क्षेत्र मे भारतीय जनमानस के प्रभावित कयलनि।
डाॅ. श्रवण कुमार Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 2 | March-April 2023 Article Preview
ओल्ड पी.जी. कैम्पस, तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, भारत
Date of Publication : 2023-03-05
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Page(s) : 09-16
Manuscript Number : GISRRJ23622
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ23622