Manuscript Number : GISRRJ23623
मारवाड़ के शिलालेखों में आर्थिक चिंतन
Authors(1) :-डॉ. रेखा गुप्ता
पुरुषार्थ चतुष्टय में अर्थ का स्थान द्वितीय है किंतु व्यवहारिक दृष्टि से देखा जाए तो अन्य तीनों पुरुषार्थ धर्म, काम तथा मोक्ष की सिद्धि अर्थ के अभाव में संभव नहीं है। अतः अर्थ प्रमुख पुरुषार्थ है। अर्थ जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति का साधन है तथा अर्थ के बिना जीवन यात्रा असंभव है। अर्थ के बिना मानव का अस्तित्व ही नहीं है। मारवाड़ से प्राप्त शिलालेखों से तत्कालीन आर्थिक स्थिति का अच्छा ज्ञान प्राप्त होता है। कृषि, पशुपालन तथा उद्योग- धंधे आय का प्रमुख स्रोत होते थे। इनमें भी कृषि आर्थिक जीवन का प्रमुख आधार थी I
डॉ. रेखा गुप्ता
अर्थ, मारवाड़, शिलालेख, कृषि, उद्योग, व्यापार, कर व्यवस्था, मुद्रा Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 2 | March-April 2023 Article Preview
सीनियर रिसर्च फेलो (ICSSR), मो.ला. सु. विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान, भारत
Date of Publication : 2023-03-05
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 17-23
Manuscript Number : GISRRJ23623
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ23623