Manuscript Number : GISRRJ236313
मीडिया में जायसी की पद्मावती के प्रस्तुतिकरण का विश्लेष्ण
Authors(1) :-अहमद अज़ीम
रानी पद्मावती/पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलजी की कहानी को सैकड़ों वर्षों से नाटकों, फिल्मों एवं धारावाहिकों के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत किया जाता रहा है। महत्वपूर्ण है कि इनमें निर्देशकों ने न सिर्फ अपनी रचनात्मक स्वतंत्रता का प्रयोग करते हुए कहानी में बदलाव किया बल्कि मुख्य पात्र पद्मावती, अलाउद्दीन खिलजी एवं रतनसेन को अलग-अलग प्रकार से दर्शाया लेकिन जिस प्रकार से संजय लीला भंसाली निर्देशित ‘पद्मावत’ पर उग्र विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला वैसा कभी नहीं हुआ। जायसी के महाकाव्य पद्मावत के सिर्फ कुछ अंशों को आधार बनाकर भंसाली ने यह फिल्म बनायी और इसको इस तरह प्रचारित किया गया कि यह उसका रूपांतरण है। खिलजी को एक रूढ़िवादी दुष्ट मुस्लिम राजा के रूप में और रत्नसेन को धर्मी हिंदू राजा के रूप में चित्रित करने को भी नापसंद किया गया, जिसके कारण कुछ समुदायों ने विरोध किया। इस फिल्म को देखकर ऐसा लगता है कि यह जायसी की पद्मावत से प्रेरित होकर नहीं बल्कि अलाउद्दीन खिलजी की छवि को धूमिल करने की नीयत से बनायीं गयी है। जायसी की पद्मावत पर आधारित जो भी फिल्में अथवा धारावाहिक बनें उनमें यह प्रस्तुति मूल कहानी और ऐतिहासिकता से सबसे अधिक करीब नजर आती है।
अहमद अज़ीम
शुभाशुभगमनं, कार्याकार्यावगमनं, धर्मार्थावगमनं, मनसि प्राच्यमूल्यानि। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 3 | May-June 2023 Article Preview
शोधार्थी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली।
Date of Publication : 2023-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 89-92
Manuscript Number : GISRRJ236313
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ236313