Manuscript Number : GISRRJ23641
आचार्य पाणिनि अभिमत प्रमेय
Authors(1) :-सोहन आर्य
व्याकरणशास्त्र में बहुत्र दार्शनिक बीजों का, प्रमेयों का, प्रमाणों का उल्लेख प्राप्त होता है। उसी क्रम में आचार्य पाणिनि के अष्टाध्यायी नामक ग्रन्थ में भी दो प्रमेयों का उल्लेख प्राप्त होता है – शब्द एवं अर्थ। इनके परवर्त्ती वैयाकरणदार्शनिकों नें एक तीसरा प्रमेय भी स्वीकार किया है – शब्दार्थसम्बन्धप्रमेय। यह पाणिनि के ग्रन्थ में दृष्टिपथ नहीं आता है।
सोहन आर्य
आचार्य पाणिनि, दार्शनिक, अष्टाध्यायी, शब्द, अर्थ, ग्रन्थ। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 4 | July-August 2023 Article Preview
सहायक आचार्य, दुर्गा प्रसाद बलजीत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अनूपशहर, भारत।
Date of Publication : 2022-07-09
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Page(s) : 01-04
Manuscript Number : GISRRJ23641
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ23641