आचार्य पाणिनि अभिमत प्रमेय

Authors(1) :-सोहन आर्य

व्याकरणशास्त्र में बहुत्र दार्शनिक बीजों का, प्रमेयों का, प्रमाणों का उल्लेख प्राप्त होता है। उसी क्रम में आचार्य पाणिनि के अष्टाध्यायी नामक ग्रन्थ में भी दो प्रमेयों का उल्लेख प्राप्त होता है – शब्द एवं अर्थ। इनके परवर्त्ती वैयाकरणदार्शनिकों नें एक तीसरा प्रमेय भी स्वीकार किया है – शब्दार्थसम्बन्धप्रमेय। यह पाणिनि के ग्रन्थ में दृष्टिपथ नहीं आता है।

Authors and Affiliations

सोहन आर्य
सहायक आचार्य, दुर्गा प्रसाद बलजीत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अनूपशहर, भारत।

आचार्य पाणिनि, दार्शनिक, अष्टाध्यायी, शब्द, अर्थ, ग्रन्थ।

  1. अष्टाध्यायी , भार्गव पुस्तकालय, गायघाट, बनारस
  2. धातुपाठ - चुरादिगण , चौखम्बा संस्कृत सिरीज ऑफिस, वाराणसी
  3. पाणिनायशिक्षा – व्या. – डॉ, राकेश शास्त्री, चौखम्बा ओरियन्टालिया, दिल्ली
  4. महाभाष्यपस्पशान्हिकम् , व्या. – युधिष्ठिर मीमांसक, रामलाल कपूर ट्रस्ट, बहालगढ़, सोनीपत, हरियाणा
  5. वैयाकरणसिद्धान्तकौमुदी (अव्ययप्रकरणम् , चौखम्बा ओरियन्टालिया, दिल्ली

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 4 | July-August 2023
Date of Publication : 2022-07-09
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 01-04
Manuscript Number : GISRRJ23641
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

सोहन आर्य , "आचार्य पाणिनि अभिमत प्रमेय", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 6, Issue 4, pp.01-04, July-August.2023
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ23641

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