Manuscript Number : GISRRJ236610
हीनयान एवं महायान बौद्वमतों का अजंता शैल समूहों मे विवेचनात्मक अध्ययन
Authors(3) :-श्रीमती कौशिकी अग्रहरि, डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल, डॉ. प्रमिला सिंह अजन्ता की यह वाद में निर्मित सभी गुहायें राजा हरिसेन के शासनकाल के लगभग निर्मित हुई और उपरोक्त कलानुक्रम इस समय के बने हुए भिŸिा चित्रों पर भी लागू किया जा सकता है। हालाकि इन सभी भिŸिाचित्रों में प्रथम-प्रथम शैलीगत विशेषताओं का समागम है। जिन्हें देखकर कभी-कभी कलानुक्रम के प्रतीकात्मक स्थिति का भी आभास होता है। अनायास ही वृहतविकारों की भव्य सुसंयोजित भिŸिायों के अंतराल पर एकाग्र दृष्टिपात से यही अनुभव होता है कि जैसे इन्हें मानचित्र सर्जना हेतु निमित किया गया था। शायद इसीलिए इन भिŸिाचित्रों पर कहीं भी कोई ऐसा उत्कीर्ण कार्य नहीं किया गया जो भिŸिाचित्रों के आकर्षण में अवरोधक बन सके।
श्रीमती कौशिकी अग्रहरि हीनयान, महायान, बौद्व, अजंता, शैल,भित्तिचित्र, धर्म। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023 Article Preview
शोधार्थी, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, सतना, मध्य प्रदेश।
डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल
शोध निर्देशक, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, सतना, मध्य प्रदेश।
डॉ. प्रमिला सिंह
शोध निर्देशक, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, सतना, मध्य प्रदेश।
Date of Publication : 2023-11-15
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 59-62
Manuscript Number : GISRRJ236610
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ236610