Manuscript Number : GISRRJ236612
श्रीमद्भागवत महापुराण में नवधा भक्ति का स्वरूप
Authors(2) :-डाॅ0 देवनारायण पाठक, महिमा सिंह श्रीमद्भागवत महापुराण संस्कृत वाङ्मय का आकर ग्रन्थ है, इसका अध्यात्म, काव्य और सामाजिक संगठन सम्पूर्ण विश्व के लिए गौरव का विषय है। जीवों के कल्याणार्थ ही इस महनीय ग्रन्थ का प्रादुर्भाव हुआ है। प्रस्तुत शोधपत्र में श्रीमद्भागवत में नवधा भक्ति के स्वरूप पर विचार किया जायेगा।
डाॅ0 देवनारायण पाठक महापुराण, नवधा भक्ति, सस्कृत, वाङ्मय, परमपुरुषार्थ, कल्याणार्थ। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023 Article Preview
सह आचार्य, संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती (मानित्) विश्वविद्यालय, कोटवा जमुनीपुर, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
महिमा सिंह
शोधच्छात्रा, संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती (मानित्) विश्वविद्यालय, कोटवा जमुनीपुर, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2023-12-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 66-69
Manuscript Number : GISRRJ236612
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ236612