महादेवी वर्मा का काव्य वितान: एक आलोचनात्मक अध्ययन

Authors(1) :-डॉ० माया गोला

दुनिया का कोई भी सहित्य हो दरअसल वह अपने समय और समाज की उपज होता है। इसमें उस देश की सामाजिक, सांस्कृतिक रीति नीति के साथ-साथ उस समय और समाज की भिन्न-भिन्न परंपरा का विशेष योग होता है। किसी साहित्यकार की अपनी समकालीन भिन्न-भिन्न स्थितियां यथा-राजनीतक, सामाजिक, सांकृतिक, धार्मिक एवं आर्थिक आदि स्थितियां उसके साहित्य सृजन को प्रत्यक्ष परोक्ष रूप में प्रभावित करती रहती हैं। महादेवी वर्मा छायावाद के महत्वपूर्ण कवियों में से एक हैं। उनके काव्य संग्रह-नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत, यामा, दीपशिखा, सप्तपर्ण हैं। भिन्न-भिन्न आलोचकों ने उनके संपूर्ण काव्य पर लोकोŸार और रहस्यवादी होने का आरोप लगाया है। यह शोध आलेख उनके काव्य के इहलौकिक और अपने समय और समाज की चिंताओं से ओत प्रोत होने की एक संभव खोज भर है।

Authors and Affiliations

डॉ० माया गोला
असि0 प्रो0 सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय

सहित्येितहास, श्रृंखला, लोकोŸार, रहस्यवाद, पलायनवाद, कपना, यथार्थवाद, प्रकृति, लाक्षणिकता, वक्रता, अभिव्यंजना, स्वाधीनता, आंदोलन, समीक्षा, शक्ति, प्रत्याख्यान, ऐतिहासिक, दृष्टि, व्यक्ति वैचित्र्य, समकालीनता, छायावाद, नवजागरण, अनुभूति व सहानुभूति, इहलौकिक व पारलौकिक, वेदना, कविता आदि।

  1. हिंदी साहित्य का इतिहास, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हरीश विश्वविद्यालय प्रकाशन, आगरा (उ०प्र०), पृ0 444-470
  2. वही, पृ० 469
  3. िहंदी साहित्य उद्भव और विकास, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ० 249
  4. कविता कोश से उधृत
  5. निराला: राम की शक्ति-पूजा, कर्मेदु शिशिर, अनन्य प्रकाशन, दिल्ली, पृ० 1
  6. हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास, रामस्वरूप चतुर्वेदी, लोकभारती प्रकाशन, प्रयागराज, पृ० 110
  7. महादेवी साहित्य - 1, 1969 निर्मला जैन (सं०) वाणी प्रकाशन, सांध्यगीत, पृ० 27
  8. कविता कोश से उद्धृत
  9. कविता कोश से उद्धृत
  10. कविता कोश से उद्धृत
  11. हिंदी साहित्य का आधा इतिहास, सुमन राजे, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, पृ० 253
  12. कविता कोश से उद्धृत
  13. स्त्री संदर्भ में महादेवी, सुधा सिंह, अनामिका पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स (प्रा0) लिमिटेड, नई दिल्ली, पृव्म् 24-25

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023
Date of Publication : 2023-12-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 154-160
Manuscript Number : GISRRJ236622
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ० माया गोला, "महादेवी वर्मा का काव्य वितान: एक आलोचनात्मक अध्ययन ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 6, Issue 6, pp.154-160, November-December.2023
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ236622

Article Preview