Manuscript Number : GISRRJ24716
अलका सरावगी के उपन्यासों में नैतिक जीवन-मूल्य
Authors(1) :-कु. राजवती नैतिक मूल्य-नैतिक मूल्य समाज द्वारा स्वीड्डत वे मानव मापदण्ड हैं जो मनुष्य की गरिमा को उठाते हैं। किसी को दबाने - सताने, नीचा दिखाने, उसके अधिकार छीनने का व्यवहार प्रेम और ममता तथा नैतिकता कदापि नहीं कही जा सकती, यदि ऐसा है, तो वह प्रेम और नैतिक भाव कदापि नहीं हो सकता। नैतिक मूल्यों को बनाए रखते जो सुख और शान्ति व्यक्ति अनुभव करता है, वह जीवन का सर्वोच्च मूल्य कहा जा सकता है।
कु. राजवती अलका सरावगी, उपन्यास, नैतिक, जीवन-मूल्य, स्त्री-पुरुष, मानव, स्वतन्त्रता। Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 1 | January-February 2024 Article Preview
शोधार्थी, हिन्दी—विभाग आगरा कॉलेज, आगरा।
Date of Publication : 2024-02-15
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 37-38
Manuscript Number : GISRRJ24716
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ24716