प्राचीन भारतीय संस्कृति में धर्म की अवधारणा

Authors(1) :-श्री लोकेश कुमार मीना

व्यास का कथन है कि ‘‘धारणात् धर्म इत्याहु “1 अर्थात् यह कहा जाता है कि धर्म वही है जिसे धारण किया जाता है। समाज में व्यक्ति जीवन प्रति जो धारणा बनाता है या धारणा करता है वही धर्म है। धर्म संस्कृत के ‘‘धृ’’ धातु से बना है जिसका अर्थ है जो धारण किया जाये। जब क्या धारण किया जाये स्पष्ट हो जाये तो वह धर्म बन जाता है। धर्म एक प्रकार से कर्त्तव्य के द्वारा कुछ समाजोपयोगी तथा आत्मोपयेगी बातों या गुणों को धारण करना कहा जा सकता है। जेम्स ने कहा है -’’धार्मिक जीवन में आत्म समर्पण और त्याग को प्रोत्साहित किया जाता है और अनावश्यक बातो को इसलिये त्यागा जाता है, जिससे सुख की वृद्धि हो सके। इस प्रकार उन बातो को सरल और सुविधा जनक बनाता है, जो जीवन की प्रत्येक दशा में आवश्यक है।’’2 सनातन धर्म में चार पुरुषार्थ स्वीकार किए गये हैं जिनमें धर्म प्रमुख है। तीन अन्य पुरुषार्थ ये हैं- अर्थ, काम और मोक्ष।

Authors and Affiliations

श्री लोकेश कुमार मीना
एम.ए.(इतिहास) NET, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर(राज.)

धारणात्, धार्मिकता, प्रोत्साहित, भावनात्मक, परम्परात्मक, सांसारिक, पारलौकिक, समायोजन, पारिभाषिक, अभूतपूर्व , वैयक्तिक, प्रभावशाली, पुरातात्विक, उपनिषद्, आरण्यक, ब्रह्माण्ड, अलौकिक, सार्वभौमिक।

  1. श्रीमद्भगवद्गीता - हरिराम पाण्डेय।
  2. भारतीय इतिहास -डॉ रमाशंकर द्विवेदी।
  3. न्यायदर्शन -महर्षि गौतम।
  4. मनुस्मृति।
  5. महाभारत - शान्तिपर्व।
  6. वात्स्यायन।
  7. महाभारत, वनपर्व।
  8. श्रीमद्भगवद्गीता।
  9. पूर्व मीमांसा - महर्षि जैमिनी।
  10. मध्यकालीन पाश्चात्य दर्शन - याकूब मसीहा।
  11. भारतीय धर्म और दर्शन- प्रो हरेन्द्र प्रसाद सिन्हा।
  12. धर्म और दर्शन- डॉ शोभा निगम।
  13. भारतीय धर्म की विवेचना- डॉ चन्द्रकान्ता
  14. समकालीन पाश्चात्य दर्शन- बसन्त कुमार लाल।
  15. भारतीय संस्कृति का इतिहास- डॉ मदन कुमार आचार्य।
  16. भारतीय समाज- डॉ अशोक मिश्रा।
  17. मानव और धर्म- डॉ एस सी देवाना।

Publication Details

Published in : Volume 7 | Issue 2 | March-April 2024
Date of Publication : 2024-04-05
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 47-56
Manuscript Number : GISRRJ247210
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

श्री लोकेश कुमार मीना , "प्राचीन भारतीय संस्कृति में धर्म की अवधारणा", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 7, Issue 2, pp.47-56, March-April.2024
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ247210

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