जैन परम्परा और राम

Authors(1) :-डॉ. सत्य प्रकाश पाण्डेय

जैन परंपरा में राम का स्वरूप न केवल धार्मिक या ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि वर्तमान सामाजिक और सांस्कृतिक संकटों का उत्तर देने की क्षमता भी रखता है। इस परंपरा की अभिव्यक्ति यह सिखाती है कि हिंसा से परे भी जीवन के उच्च लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं। यह चित्रण जैन दर्शन के मूल सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करता है। आधुनिक संदर्भ में राम का यह रूप हमें आत्म-संयम और करुणा की प्रेरणा देता है। यह न केवल उनके चरित्र की सार्वभौमिकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि भारतीय सभ्यता में धार्मिक संवाद और सांस्कृतिक समावेशिता कितनी गहरी है।

Authors and Affiliations

डॉ. सत्य प्रकाश पाण्डेय
सहायक आचार्य (हिन्दी), बाबा बरुआदास पी. जी. कॉलेज, परुइया आश्रम, अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश।

जैन परम्परा, धार्मिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, संकट, अभिव्यक्ति, आत्म-संयम।

  1. आचारांग सूत्र, अध्याय 1, श्लोक 4।
  2. उत्तराध्ययन सूत्र, अध्याय 9, श्लोक 34।
  3. रविषेण, पद्म पुराण, 7वीं शताब्दी।
  4. कल्प सूत्र, भाग 2, श्लोक 15।
  5. सूत्रकृतांग, अध्याय 3, श्लोक 12।
  6. रविषेण, पद्म पुराण, खंड 1, श्लोक 23।
  7. रविषेण, पद्म पुराण, खंड 5, श्लोक 112।
  8. हेमचंद्र, त्रिषष्टि शलाका पुरुष चरित्र, खंड 8, अध्याय 2।
  9. उत्तर पुराण, खंड 68, श्लोक 50।
  10. रविषेण, पद्म पुराण, खंड 6, श्लोक 45।
  11. हेमचंद्र, त्रिषष्टि शलाका पुरुष चरित्र, खंड 8, अध्याय 3।
  12. उत्तर पुराण, खंड 68, श्लोक 45।
  13. रविषेण, पद्म पुराण, खंड 6, श्लोक 89।
  14. सूत्रकृतांग, अध्याय 4, श्लोक 19।
  15. रविषेण, पद्म पुराण, खंड 3, श्लोक 56।
  16. रविषेण, पद्म पुराण, खंड 4, श्लोक 78।
  17. उत्तर पुराण, खंड 67, श्लोक 19।

Publication Details

Published in : Volume 7 | Issue 3 | May-June 2024
Date of Publication : 2024-06-22
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 70-74
Manuscript Number : GISRRJ247312
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ. सत्य प्रकाश पाण्डेय, "जैन परम्परा और राम ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 7, Issue 3, pp.70-74, May-June.2024
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ247312

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