Manuscript Number : GISRRJ247312
जैन परम्परा और राम
Authors(1) :-डॉ. सत्य प्रकाश पाण्डेय जैन परंपरा में राम का स्वरूप न केवल धार्मिक या ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि वर्तमान सामाजिक और सांस्कृतिक संकटों का उत्तर देने की क्षमता भी रखता है। इस परंपरा की अभिव्यक्ति यह सिखाती है कि हिंसा से परे भी जीवन के उच्च लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं। यह चित्रण जैन दर्शन के मूल सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करता है। आधुनिक संदर्भ में राम का यह रूप हमें आत्म-संयम और करुणा की प्रेरणा देता है। यह न केवल उनके चरित्र की सार्वभौमिकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि भारतीय सभ्यता में धार्मिक संवाद और सांस्कृतिक समावेशिता कितनी गहरी है।
डॉ. सत्य प्रकाश पाण्डेय जैन परम्परा, धार्मिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, संकट, अभिव्यक्ति, आत्म-संयम। Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 3 | May-June 2024 Article Preview
सहायक आचार्य (हिन्दी), बाबा बरुआदास पी. जी. कॉलेज, परुइया आश्रम, अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2024-06-22
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 70-74
Manuscript Number : GISRRJ247312
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ247312