Manuscript Number : GISRRJ24745
Rivers in Vedic Literature : Symbolism, Significance, and Cultural Impact
Authors(1) :-Dr. Anshul Dubey महिला और पुरुष सृष्टि के निर्माता ईश्वर की दो अनोखी और विचित्र रचनाएं हैं। दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं। दोनों के सहयोग से ही सृष्टि का निर्माण होता है। समाज में महिलाओं की स्थिति कैसी है, यह समाज उन्हें पुरुषों के समान अधिकार प्रदान करता है या नहीं, प्राचीन समय के ऋग्वैदिक और उत्तर वैदिक भारत में स्त्रियों की स्थिति कैसी रही होगी आदि का उल्लेख करना और जानने का प्रयास करना अति आवश्यक है। ऋग्वैदिक और उत्तर वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति के संबंध में जब हम अध्ययन करते हैं तो पाते हैं कि दोनों ही कालों में स्त्रियों की स्थिति में बहुत बड़ा अंतर है। जहां ऋग्वैदिक काल में उन्हें समाज में सम्मानित स्थान प्राप्त होता था वही उत्तर वैदिक काल आते-आते उनकी स्थिति में बहुत ही अधिक गिरावट दर्ज होने लगी। ऋग्वैदिक काल का जीवन अपेक्षाकृत स्वतंत्र और स्वच्छंद होता था महिलाएं अपने जीवनसाथी का चुनाव कर सकती थी। सामाजिक गतिविधियों में उनके किसी भी सहभागिता पर प्रतिबंध नहीं होता था। वैदिक काल में स्त्री को जितनी स्वतंत्रता थी उतनी किसी भी युग में नहीं रही। उत्तर वैदिक काल की स्त्रियों की स्थिति में परिवर्तन आया और उनकी दशा में अवनति के तत्व दिखाई देने लगे। उनका सामाजिक स्तर गिरा और उन्हें समाज में अब वह सम्मान नहीं प्राप्त होता था जो ऋग्वैदिक काल में प्राप्त होता था। उनके सामाजिक और धार्मिक अधिकार तो इस युग में भी बन रहे लेकिन उनके व्यक्तिगत गुणों के प्रति संदेह व्यक्त किया जाने लगा। भारत पुरुष प्रधान देश है और इस पुरुष प्रधान समाज के कारण स्त्रियों की स्थिति बद से बदतर होती गई। प्रस्तुत शोध पत्र में शोधार्थी के द्वारा यह जानने व समझने का प्रयास रहेगा कि ऋग्वैदिक और उत्तर वैदिक महिलाओं की स्थिति में क्रमिक पतन के क्या कारण हो सकते है और उनके चरणों की जांच करते हुए दोनों की तुलनात्मक अध्ययन करना है।
Dr. Anshul Dubey ऋग्वैदिक, उत्तरवैदिक कालीन, महिलाओं, तुलनात्मक अध्ययन आदि। Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 4 | July-August 2024 Article Preview
Assistant Professor, Department of Sanskrit, Tilak Mahavidyalaya, Auraiya, Uttar Pradesh, India
Date of Publication : 2024-08-20
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 33-38
Manuscript Number : GISRRJ24745
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ24745