Manuscript Number : GISRRJ24753
सर्व शिक्षा अभियान का बालिका शिक्षा पर प्रभावः एक समाजशास्त्रीय अध्ययन
Authors(1) :-जितेन्द्र पाठक शिक्षा मानव के आंतरिक अंधकार को मिलाकर उसके अंतर्गत को प्रकाशित करती है। उस प्रकाश से मनुष्य को एक विशेष दृष्टि मिलती है। इसी दृष्टि को जीवन की दृष्टि भी कहा जाता है। जो हमें सांसारिक सत्य से रूबरू कसारांश:राती है। यह जीवन दृष्टि शिक्षा से ही संभव है। शिक्षा मानव सभ्यता एवं संस्कृति के विकास की वाहक है। जो किसी भी राष्ट्र व समाज के विकास की दिशा को निर्धारित करती है। परिवर्तन एक शाश्वत प्रक्रिया है। यह परिस्थितिजन्य है। जो परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तित होती रही है। अतः शिक्षा की युग व परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न सोपानों को पार करते हुए वर्तमान स्थिति तक पहुंची है। कोठारी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि शिक्षा एक ऐसा उपकरण है जो भारत के सामाजिक, आर्थिक कल्याण में परिवर्तन ला सकती है। बालिका शिक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने समय-समय पर कई शैक्षिक अभियान चलाये है। जिनमें सर्व शिक्षा अभियान भी शामिल है।
जितेन्द्र पाठक Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 5 | September-October 2024 Article Preview
(असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, समाजशास्त्र)
डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय, ऑडेन पडरिया, मैनपुरी,उ.प्र.
Date of Publication : 2024-10-05
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 15-19
Manuscript Number : GISRRJ24753
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ24753