Manuscript Number : GISRRJ24761
वृद्धों में जीवन संतुष्टि एवं व्यक्तिगत और पारिवारिक कारकों का मनोविश्लेषणात्मक अध्ययन
Authors(1) :-डाॅ० रागिनी कुमारी वृद्धावस्था मानव-जीवन की जैविक विशेषता होती है। उम्र का बढ़ना निश्चित रूप से मानव-जीवन में सम्पादित होती है जो मानवीय नियंत्रण से परे होता है। अतः वृद्धावस्था मानव-जीवन की वास्तविकता होती है।
प्रस्तुत शोध का मुख्य उद्देश्य वृद्धों में जीवन संतुष्टि एवं व्यक्तिगत और पारिवारिक कारकों का मनोविश्लेषणात्मक अध्ययन करना था। इसके लिए समस्तीपुर जिला क्षेत्र से कुल 250 वृद्धों (उम्र समूह 60 वर्ष से 65 वर्ष) का चयन यादृच्छिक प्रतिदर्शन पद्धति का अवलोकन करते हुए किया गया। काजी एवं श्रीवास्तव द्वारा विकसित जीवन-संतुष्टि मापनी एवं स्वयं शोधार्थी द्वारा विकसित व्यक्तिगत एवं पारिवारिक सूचना प्रपत्र के द्वारा संगत सूचनाऐं संग्रहित की गई। प्रदत्तों के विश्लेषणोपरान्त परिणाम में पाया गया है कि वृद्धों का जीवन-संतुष्टि शिक्षा वैवाहिक समायोजन एवं धार्मिकता संबंधी कारक से स्पष्ट रूप से प्रभावित होता है, जबकि यौन एवं शहरी-ग्रामीण निवास संबंधी कारक स्पष्ट रूप से प्रभावित नहीं करता है।
डाॅ० रागिनी कुमारी वृद्धावस्था, प्रतिदर्शन, पारिवारिक, वास्तविकता Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 6 | November-December 2024 Article Preview
एम०ए०, पी-एच०डी० गृहविज्ञान,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वरनगर, दरभंगा (बिहार), भारत
Date of Publication : 2024-11-20
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 01-07
Manuscript Number : GISRRJ24761
Publisher : Technoscience Academy
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