Manuscript Number : GISRRJ24763
1857 की क्रान्ति और आज़मगढ
Authors(1) :-डाॅ0 शहरयार कुंवर सिंह को गतिविधि का ठीक पता था और आज़मगढ़ पहुंचने से पहले ही हमला करने के लिए अपनी सेना को रास्ते के दोनों ओर बिछा दिया। विद्रोहियों की आहट मिलते ही लार्ड मार्कर ने अपना घोड़ा रोक दिया और बैलगाड़ी, हाथी और ऊंट पर लदी युद्ध सामग्री के पहुंचने का इन्तेज़ार करने लगा। देखते ही देखते दोनों ओर से विद्रोहियों की गोलियां बरसने लगी। ़मार्कर ने तोप के गोलों से विद्रोहियों के छिपने और आड़ लेने वाले घरों पर तोप के गोले बरसाये। ज्यों ही विद्रोही बाहर आये उन पर हमला किया गया। विद्रोहियों ने पीछे हटकर तमसा (टोंस) नदी के पुल पर मोर्चा संभाला।
डाॅ0 शहरयार विद्रोह, आज़मगढ़, क्रान्ति, मालगुज़ारी, कुंवर सिंह, मार्कर, तमसा (टोंस) नदी।
Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 6 | November-December 2024 Article Preview
पूर्व शोध छात्र, इतिहास विभाग, शिब्ली नेशनल कालेज, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2024-11-20
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 17-20
Manuscript Number : GISRRJ24763
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ24763