19वीं शताब्दी में भारतीय महिलाओं का सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सशक्तिकरण

Authors(1) :-हेमा सिंह

भूमिका -19वीं शताब्दी भारतीय समाज में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन का महत्वपूर्ण काल था। इस दौरान महिलाओं की स्थिति में भी व्यापक बदलाव देखने को मिले। आदर्श पत्नी की परंपरागत अवधारणा को चुनौती दी गई और महिलाओं की भूमिका का विस्तार हुआ। शिक्षा, सामाजिक सुधार और राष्ट्रवाद ने महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। हालांकि, इस प्रक्रिया में उन्हें कई चुनौतियों और विरोधाभासों का सामना करना पड़ा। इस शोधपत्र का उद्देश्य 19वीं शताब्दी में महिलाओं की सामाजिक स्थिति, उनकी चुनौतियों, विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, बाल विवाह, महिला शिक्षा और राष्ट्रवादी आंदोलन में उनकी भागीदारी की समीक्षा करना है। साथ ही, गांधी और नेहरू जैसे नेताओं की महिलाओं के प्रति नीतियों की आलोचनात्मक व्याख्या भी प्रस्तुत की जाएगी।

Authors and Affiliations

हेमा सिंह
शोधार्थी, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, भारत।

महिलाएं, सार्वजनिक, राजनीतिक, आर्थिक भागीदारी

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Publication Details

Published in : Volume 7 | Issue 6 | November-December 2024
Date of Publication : 2024-12-20
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 52-57
Manuscript Number : GISRRJ24769
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

हेमा सिंह, "19वीं शताब्दी में भारतीय महिलाओं का सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सशक्तिकरण ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 7, Issue 6, pp.52-57, November-December.2024
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ24769

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