Manuscript Number : GISRRJ258216
भारत-जापान रणनीतिक सहयोग और एक्ट ईस्ट नीतिः पूर्वी एशिया में शक्ति संतुलन की पुनर्रचना का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
Authors(1) :-डॉ. शिवपूजन मौर्य वर्तमान वैश्विक व्यवस्था में पूर्वी एशिया एक ऐसा भू-राजनीतिक क्षेत्र बन चुका है, जहाँ वैश्विक शक्तियों की टकराहट, आर्थिक प्रतिस्पर्धा और सैन्य आधिपत्य की होड़ स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यह क्षेत्र न केवल वैश्विक व्यापार के मुख्य समुद्री मार्गों से जुड़ा है, बल्कि यहाँ चीन, जापान, कोरिया, ।ैम्।छ और अमेरिका जैसी महाशक्तियों की प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उपस्थिति इसे सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील बनाती है। ऐसे में भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और जापान के साथ उसका गहराता रणनीतिक सहयोग इस शक्ति संतुलन के पुनर्निर्माण की दिशा में एक निर्णायक हस्तक्षेप के रूप में उभर रहा है।
भारत और जापान, दोनों लोकतांत्रिक, तकनीकी और आर्थिक दृष्टि से परिपक्व राष्ट्र हैं, जिनके द्विपक्षीय संबंध बीते कुछ वर्षों में केवल आर्थिक आदान-प्रदान तक सीमित नहीं रहे, बल्कि रक्षा, तकनीकी, साइबर सुरक्षा, और हिंद-प्रशांत रणनीति तक विस्तार पा चुके हैं। भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ का उद्देश्य दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशिया के साथ बहुआयामी जुड़ाव को बढ़ाना है, जिसमें जापान एक प्रमुख और विश्वसनीय भागीदार के रूप में उभरा है। वहीं दूसरी ओर, चीन की आक्रामक विदेश नीति, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (ठत्प्), दक्षिण चीन सागर में सैन्य निर्माण, और ताइवान-संवेदनशीलता के चलते क्षेत्र में असंतुलन की स्थिति निर्मित हो रही है। इसी असंतुलन का उत्तर देने के लिए भारत और जापान जैसे राष्ट्रों का सहयोग अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो गया है। यह सहयोग न केवल आर्थिक विकास के वाहक हैं, बल्कि मुक्त, स्वतंत्र और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थापना में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
इस लेख का उद्देश्य भारत-जापान रणनीतिक सहयोग और भारत की एक्ट ईस्ट नीति के परिप्रेक्ष्य में पूर्वी एशिया में उभरते शक्ति-संतुलन का विश्लेषण करना है। लेख में यह विवेचना की जाएगी कि किस प्रकार भारत-जापान की साझेदारी चीन के बढ़ते वर्चस्व को संतुलित कर सकती है, और कैसे यह द्विपक्षीय सहयोग वैश्विक शक्ति संरचना में एक नई दिशा निर्धारित कर सकता है।
डॉ. शिवपूजन मौर्य रणनीतिक सहयोग, एक्ट ईस्ट नीति, पूर्वी एशिया, भारत, जापान। Publication Details Published in : Volume 8 | Issue 1 | January-February 2025 Article Preview
असिस्टेंट प्रोफ़ेसरए रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन विभाग, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2025-02-05
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 223-234
Manuscript Number : GISRRJ258216
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ258216