चुरू जिले के राजकीय एवं निजी प्राथमिक विद्यालयो की सह-षैक्षिक क्रियाओ का अध्ययन।

Authors(2) :-सुमन, डा. विनोद कुमार उपाध्याय

सह-शैक्षिक क्रियाऍ का विषय विद्यार्थियों के साथ बातचीत का संगठन है, जिसका उद्देश्य विकास के आधार और स्थिति के रूप में सामाजिक-सांस्कृतिक अनुभव में महारत हासिल करना है। सह-षैक्षिक क्रियाऍ के साधन हैंः सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान, जिसके आधार पर बच्चों की शिक्षा और परवरिश की जाती है सह-षैक्षिक क्रियाऍ में सामाजिक व्यवहार और बातचीत के अनुभव को स्थानांतरित करने के तरीके स्पष्टीकरण, प्रदर्शन, अवलोकन, खेल, संयुक्त कार्य हैं। सह-षैक्षिक क्रियाऍ बच्चे के व्यक्तित्व के व्यापक विकास के उद्देश्य से अधिक प्रभावी होगी यदि इसे बच्चे और शिक्षक की प्रकृति, संस्कृति के अनुसार बनाया जाए। सह-शैक्षिक क्रियाऍ के दौरान, शिक्षक और बच्चे के बीच एक विशेष संचार उत्पन्न होता है, जिसमें प्रतिभागी दुनिया के बारे में अपने स्वयं के दृष्टिकोण को महसूस करते हैं। शिक्षक और बच्चे के बीच संस्कृतियों के संवाद के संदर्भ में सह-शैक्षिक क्रियाओ का कार्य दो गुना हैः एक तरफ, बच्चे के सोचने के तरीके, स्थिति, विश्वदृष्टि को मजबूत और विकसित करनाय दूसरी ओर, एक अलग संस्कृति (एक वयस्क) के साथ बातचीत का आयोजन करें। सह-शैक्षिक क्रियाओ के माध्यम से बालको का सर्वागींण विकास किया जा सकता हैं।

Authors and Affiliations

सुमन
पीएचडी, शोधार्थी, महाराज विनायक ग्लोबल विष्वविद्यालय, जयपुर।
डा. विनोद कुमार उपाध्याय
प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष, महाराज विनायक ग्लोबल विष्वविद्यालय, जयपुर।

सह-शैक्षिक क्रियाए, विद्यालय।

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Publication Details

Published in : Volume 8 | Issue 2 | March-April 2025
Date of Publication : 2025-04-20
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 90-111
Manuscript Number : GISRRJ258311
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

सुमन, डा. विनोद कुमार उपाध्याय , "चुरू जिले के राजकीय एवं निजी प्राथमिक विद्यालयो की सह-षैक्षिक क्रियाओ का अध्ययन।", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 8, Issue 2, pp.90-111, March-April.2025
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ258311

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