बौद्ध धर्म में 'भैषज्य गुरु' की चिकित्सा पद्धति

Authors(1) :-चन्द्र कला राय

छठी शताब्दी ई०पू0 में अहिंसा के महागुरू के तौर पर लोग बुद्ध को जानते है। महात्मा बुद्ध ने जो दार्शनिक बाते कहीं, वह कुछ नया नहीं था, अपितु वैदिक धर्म में उत्पन्न विसंगतियों के कारण इसका प्रादुर्भाव हुआ जनमानस ब्राह्मणों के बनायें नियमों-कर्मकाण्डों के आडम्बर से तंग आ चुका था। तथागत ने एक ऐसा मार्ग बताया जिसके पथ पर चलकर मानव जन्म-मरण से मुक्ति पा सकता था, तथागत एक समाज-सुधारक थे उन्होंने अपने धम्म में, अहिंसा, करूणा, नैतिकता पर विशेष बल दिया बुद्ध का ध्येय सबका हित, सबका सुख था। इसके साथ ही बुद्ध ने प्राकृतिक चिकित्सा पर बल दिया। यह काल चिकित्सा पद्धति का समृद्ध काल था। शंकराचार्य ने तो उन्हें ‘योगिनां चक्रवर्ती‘ कहा है।1 यह उस दर्शन के प्रवर्तक थे, जो संसार का सबसे बड़ा दर्शन है।

Authors and Affiliations

चन्द्र कला राय
शोध छात्रा, प्राचीन इतिहास विभाग, इ० सि० स्व0 सं० राजकीय महाविद्यालय पचबस,बस्ती।

महावैद्य, निग्रोधमृग-जातक, जेतवन, अशोक, कृतिम अंगों, कषाय।

  1. शंकराचार्य, दशावतार स्तोंत श्लोक-1
  2. आयुर्वेद का इतिहास एवं परिचय, डा० विद्याधर शुक्ल एवं डा० रविदत्त त्रिपाठी, 2010 चैखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान दिल्ली पृ० 312-131
  3. मित्रा, राजेन्द्र लाल, ललित विस्तार (466/12-13(एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल कलकत्ता (1877)
  4. निग्रोध मृग जातक, पृ० 146
  5. जातक द्वितीय पृ० 214, चतुर्थ, पृ०/171
  6. जातक पंचम, पृ॰ 333
  7. महावग्ग - 8,4,7
  8. विनय पिटक, (महावग्ग महाबोधि ग्रन्थमाला-3 सारनाथ वाराणसी, 1935, पृ० 215-225
  9. महावग्ग जातक 8.2.5
  10. महावग्ग जातक 8,3,6
  11. महावग्ग जातक 8.1.1.25
  12. जातक चतुर्थ, पृ० 407
  13. जातक प्रथम, पृ०,457
  14. विनय पिटक महावग्ग (भिक्षु जगदीश कश्यप द्वारा सम्पादित नालंदा देवनागरी, पृ० 293-95 पालि पाब्लिकेशन बोर्ड बिहार-1956
  15. अत्रि देव विद्यालंकार, आयुर्वेद का वृहद् इतिहास ग्रन्थ माला 33, पृ० 91-110, 1960।
  16. कौटिल्य अर्थशास्त्र -1.20।
  17. जातक तृतीय पृ० 143-144, जातक पंचम, पृ० 441
  18. जातक द्वितीय, पृ० 393
  19. जातक द्वितीय, पृ० 117, पंचम, पृ० 504
  20. मूल सर्वा० 1, चीवर, पृ० 192
  21. डा० ए० के कुमार स्वामी-बुद्धा एण्ड दि गास्पल ऑफ बुद्धिस्म पृ० 81

Publication Details

Published in : Volume 8 | Issue 4 | July-August 2025
Date of Publication : 2025-07-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 04-08
Manuscript Number : GISRRJ258342
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

चन्द्र कला राय, "बौद्ध धर्म में 'भैषज्य गुरु' की चिकित्सा पद्धति ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 8, Issue 4, pp.04-08, July-August.2025
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ258342

Article Preview