हिंदी साहित्य में राँगैय राघव का योगदान

Authors(1) :-डॉ अमलेन्दु कुमार अंजन

हिंदी साहित्य के आधुनिक युग में जिन रचनाकारों ने साहित्य को सामाजिक सरोकारों और यथार्थ के धरातल से जोड़ने का कार्य किया, उनमें राँगैय राघव (1923–1962) का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। वे मात्र साहित्यकार नहीं थे, बल्कि एक विचारक, सामाजिक दृष्टा, और परिवर्तन के प्रतीक भी थे। उन्होंने अपने उपन्यासों, कहानियों और नाटकों के माध्यम से भारत के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक यथार्थ को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।

Authors and Affiliations

डॉ अमलेन्दु कुमार अंजन
असिस्टेंट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, टी. एन. बी. कॉलेज भागलपुर, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार।

राँगैय राघव,सामाजिक यथार्थवाद,हिंदी उपन्यास,प्रगतिशील साहित्य,स्त्री विमर्श,भाषा और शिल्प, साहित्यिक प्रासंगिकता

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Publication Details

Published in : Volume 8 | Issue 4 | July-August 2025
Date of Publication : 2025-07-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 09-13
Manuscript Number : GISRRJ258343
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ अमलेन्दु कुमार अंजन, "हिंदी साहित्य में राँगैय राघव का योगदान ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 8, Issue 4, pp.09-13, July-August.2025
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