वेदों में वर्णित मंत्र द्रष्ट्री ऋषिकाओं का यथार्थ स्वरूप

Authors(1) :-डॉ प्रियंका आर्या

प्रस्तुत आलेख वेदों में वर्णित मंत्र द्रष्ट्री ऋषिकाओं के यथार्थ स्वरूप पर आधारित है। इस आलेख का उद्देश्य है कि ऋषिकाओं का जीवन दर्शन अत्यन्त निर्मल व धवल है अतः इन तपः पूत मेधा की धनी ऋषिकाओं से आधुनिक समाज की नारियां भी अपने जीवन को तथाविध बनाने हेतु संकलप ग्रहण करें।

Authors and Affiliations

डॉ प्रियंका आर्या
असिस्टेण्ट प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू, भारत।

वेद, मंत्र, द्रष्टीª, ऋषि, यथार्थ,दर्शन, समाज, नारी।

  1. ऋग्वेद 10/91
  2. ऋग्वेद 10/151
  3. ऋग्वेद 10/85
  4. ऋग्वेद 10/108
  5. बृह्देवता 2/82-84
  6. निरूक्त 1/6/20
  7. ऋग्वेद भाष्य 5/28
  8. आर्षानुक्रमणी 10/82
  9. निरूक्त 2/3/11
  10. बृह्देवता 1/1
  11. .ऋग्वेद सायण भाष्य 9/87/3
  12. .वही9/113/2
  13. .निरूक्त 11/3/10
  14. .मैत्रायणी संहिता 4/6/7
  15. .यजुर्वेद 33/59
  16. .ऋग्वेद 10/14/10
  17. धातुपाठ, भ्वादि-737
  18. ऋग्वेद 10/125/03
  19. वहीं 10/125/05
  20. सायण भाष्य ऋग्वेद 10/125/01
  21. ऋग्वेद 10/125/03
  22. ऋग्वेद सायण भाष्य 10/125/03
  23. रोमशा नाम ब्रह्मवादिनी ऋग्वेद, सायण भाष्य1/126/7
  24. वैदिक इण्डेक्स भाग - 2 पृष्ठ - 254
  25. ऋग्वेद सायण भाष्य, 1/126/1-2
  26. ऋग्वेद सायण भाष्य, 1/126/7
  27. निरूक्त- रू शब्दे$ मनिन् प्रशंसायां मत्वर्थे शः प्रत्यय$ टाप् = रोमशा
  28. ऋ. 1/126/6
  29. वही1/126/7
  30. ऋग्वेद10/146/1
  31. विश्ववारा नारी, पृ0 78
  32. मनुस्मृति -3/56

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 6 | November-December 2021
Date of Publication : 2021-12-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 82-87
Manuscript Number : GISRRJ322533
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ प्रियंका आर्या, "वेदों में वर्णित मंत्र द्रष्ट्री ऋषिकाओं का यथार्थ स्वरूप", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 6, pp.82-87, November-December.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ322533

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