वेदनित्यत्व विचार

Authors(1) :-जसवन्त सिंह

भारतीय मनीषा बिना किसी संकोच के वेदों को स्वतः नित्य स्वीकार करती है। जबकि अन्य सभी ग्रन्थों को अपने को प्रामाणिक करने के लिये अन्य ग्रन्थों की आवश्यकता होती है, परन्तु वेदों को नहीं।

Authors and Affiliations

जसवन्त सिंह
शोधछात्र, श्रीलालबहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली‚ भारत।

मनीषा‚ वेद‚नित्य‚ मानव‚ ईश्वर‚ दर्शन।

  1. यजु 8
  2. ऋग्वेद
  3. सांख्यदर्शन 5.5.1
  4. योगदर्शन 1.26
  5. न्यायदर्शन 2.1.69
  6. वैशेषिकदर्शन 1.3
  7. वैशेषिकदर्शन 4.1
  8. मीमांसा दर्शन 1.1.18
  9. वेदान्त दर्शन 1.1.3
  10. वेदान्त दर्शन 1.3.29
  11. महाभाष्यम्
  12. ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, स्वामी दयानन्द सरस्वती अन्यसहायक ग्रन्थसूची-
  13. सत्यार्थ प्रकाश, स्वामी दयानन्द सरस्वती
  14. षड् दर्शन परिचय, डॉ सोमदेव शास्त्री

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 2 | March-April 2021
Date of Publication : 2021-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 80-85
Manuscript Number : ISRRJ213210
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

जसवन्त सिंह , "वेदनित्यत्व विचार", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 2, pp.80-85, March-April.2021
URL : https://gisrrj.com/ISRRJ213210

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