Manuscript Number : GISRRJ120334
विष्णुतत्त्व की उपादेयता
Authors(1) :-भानु प्रकाश उनियाल
भगवान् की पूजा के लिए भारत में हजारों मन्दिर हैं जहाँ पर भक्ति का अभ्यास किया जाता है। जब ऐसा अभ्यास हो रहा हो, तब मनुष्य को चाहिए कि आध्यात्मिक लाभ लेना अति आवश्यक है क्योंकि जीवन का नित्य भौतिकता से एवं कल्मषता से ही सामना होता है जिससे अनेक नकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। खान-पान, रहन-सहन भी कुछ हद तक आज के परिवेश में नकारात्मकता एवं कलुषित वातावरणयुक्त जीवनचर्या पैदा हो रही है। जिससे आध्यात्मिकता कोषों दूर हो रही है। अतः स्थिरता पूर्वक ध्यान, योग, जप, तपादि आध्यात्मिक वातावरण आश्रय लेकर ही इस कठिन दौर से निकलना पडे़गा। अन्यथा दूसरा कोई भी उपाय नहीं है।
भानु प्रकाश उनियाल
विष्णुतत्त्व‚ भारतीय संस्कृति‚ धर्मयज्ञ, वेद‚ संस्कृति वैदिक‚ ध्यान, योग, जप, भक्ति। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021 Article Preview
शोधार्थी, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, गायत्रीकुंज, शांतिकुंज हरिद्वार‚ भारत।
Date of Publication : 2021-01-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 23-32
Manuscript Number : GISRRJ120334
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ120334