विष्णुतत्त्व की उपादेयता

Authors(1) :-भानु प्रकाश उनियाल

भगवान् की पूजा के लिए भारत में हजारों मन्दिर हैं जहाँ पर भक्ति का अभ्यास किया जाता है। जब ऐसा अभ्यास हो रहा हो, तब मनुष्य को चाहिए कि आध्यात्मिक लाभ लेना अति आवश्यक है क्योंकि जीवन का नित्य भौतिकता से एवं कल्मषता से ही सामना होता है जिससे अनेक नकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। खान-पान, रहन-सहन भी कुछ हद तक आज के परिवेश में नकारात्मकता एवं कलुषित वातावरणयुक्त जीवनचर्या पैदा हो रही है। जिससे आध्यात्मिकता कोषों दूर हो रही है। अतः स्थिरता पूर्वक ध्यान, योग, जप, तपादि आध्यात्मिक वातावरण आश्रय लेकर ही इस कठिन दौर से निकलना पडे़गा। अन्यथा दूसरा कोई भी उपाय नहीं है।

Authors and Affiliations

भानु प्रकाश उनियाल
शोधार्थी, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, गायत्रीकुंज, शांतिकुंज हरिद्वार‚ भारत।

विष्णुतत्त्व‚ भारतीय संस्कृति‚ धर्मयज्ञ, वेद‚ संस्कृति वैदिक‚ ध्यान, योग, जप, भक्ति।

  1. विष्णुपुराण 1.1.31
  2. श्रीमद्भागवतमहापुराण29.40-44 – 3.25.42, ब्रह्मवैवर्तपुराण खंड 4, 95.28
  3. हितोपदेश प्रस्तावना श्लोक 72
  4. श्रीमद्भगवद्गीता19
  5. श्रीमद्भगवद्गीता11
  6. श्रीमद्भगवद्गीता5
  7. श्रीमद्भागवतमहापुराण29.21
  8. श्रीमद्भागवतमहापुराण29.22-25
  9. श्रीमद्भागवतमहापुराण29.27
  10. श्रीमद्भागवतमहापुराण 1.10.03
  11. श्रीमद्भागवतमहापुराण 1.10.4-6
  12. श्रीमद्भागवतमहापुराण 1.10.23
  13. श्रीमद्भागवतमहापुराण 3.3.10
  14. श्रीमद्भागवतमहापुराण 2.3.5-51
  15. श्रीमद्भागवतमहापुराण 2.4.20-22
  16. श्रीमद्भागवतमहापुराण 4.4.17
  17. श्रीमद्भागवतमहापुराण 4.7.15
  18. श्रीमद्भगवद्गीता 4.14
  19. श्रीमद्भगवद्गीता 4.24
  20. श्रीमद्भगवद्गीता34

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021
Date of Publication : 2021-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 23-32
Manuscript Number : GISRRJ120334
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

भानु प्रकाश उनियाल , "विष्णुतत्त्व की उपादेयता", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 1, pp.23-32, January-February.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ120334

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