Manuscript Number : GISRRJ120337
समय सरगम : वृद्धावस्था वरदान या अभिशाप?
Authors(1) :-रंजना
अरण्या जो जीवन के अंतिम पडाव पर पहुंच कर भी अपने आप को हर समय ‘ सयानी’ महसूस करती है। वृद्धावस्था जहां बुजुर्गों के लिए भय , आतंक , मृत्यु का इंतजार वाली जीवन का अंतिम छोर है वही अरण्या इसे अपने जीवन का अलग ही राग सोचती है और शेष जीवन को इच्छानुसार जीने का अधिकार समझती है। उसका कहना है कि जब तक जिंदा है जीवन की हर घडी का संगीत सुनना चाहिए ,यहीं ‘ समय सरगम’ है। बुजुर्गों में उत्साह, आत्मविश्वास एवं चेतना जगाने में यह उपन्यास औषधि समान है।
रंजना
समय‚ सरगम‚ वृद्धावस्था‚ वरदान‚ अभिशाप। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021 Article Preview
शोधार्थी, विश्व भारती ( शांतिनिकेतन ), भारत।
Date of Publication : 2021-02-28
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 43-51
Manuscript Number : GISRRJ120337
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ120337