नारी उत्पीड़न और समाज़़

Authors(1) :-डॉ प्रीतम कुमारी

धन्य है आज का भारत जहाॅ नारी, देवी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती , माॅ, पत्नी, पुत्री, बहन ही नहीं नानी, दादी, मौसी, चाची, अनेक विशेषणों से वही पुरूष वर्ग संबोधित ही नहीं करते वरन् पूजा भी करते हैं ।
’’यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता‘‘
पूरा भारत दीप जला कर देवी के रूप, साज - सज्जा से सुशोभित करता है ।बेटा जब बुलाए माॅ को आना चाहिए, तब आज का भारत पाश्चात्य परिदृश्य में निमग्न है और मातृत्व, भा्रतृत्व की गरिमा को गरक कर रहा है। वर्तमान परिवेश में होने वाली नारी उत्पीड़न घटनाएॅ होने पर हमारे शासनकर्ता कहते हैं:-
- कभी उम्र बढा दो ।
- कभी उम्र घटा दो ।
-कभी महिलाओं के पोशक भाड़काऊ होने पर प्रतिबंध लगा दो।
-सजा करवा दो ।
-उसकी पढाई रोक देना चाहिए ।
-परदा में रहने दो ।
- सुरक्षा का प्रबन्ध करें ।
पुत्री को पिता, पत्नी को पति, बहन को भाई
अब बताएॅ भाई कौन पति कौन, पुत्र कौन ।

Authors and Affiliations

डॉ प्रीतम कुमारी
विभागाध्यक्ष गहृविज्ञान विभाग, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋविकेश उत्तराखण्ड] भारत

समाचार पत्र
आॅखो देखी हंाल

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022
Date of Publication : 2022-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 01-04
Manuscript Number : GISRRJ120347
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ प्रीतम कुमारी, "नारी उत्पीड़न और समाज़़ ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 5, Issue 1, pp.01-04, January-February.2022
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ120347

Article Preview