ऋग्वैदिक सूक्तों में वर्णित परमसत्ता का व्यावहारिक स्वरूप

Authors(1) :-डॉ. गयाप्रसाद मिश्र

'बाल-श्रमिक', जो विभिन्न कारणों से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके थे, अथवा बीच मेें ही उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी तथा 114 (38 प्रतिशत) 'बाल-श्रमिक', जो अशिक्षित थे, जब इन सभी बाल-श्रमिकों से यह प्रश्न पूछा गया कि यदि आप पढ़ना चाहते हैं तो; क्या आपके माता-पिता अथवा अभिभावक पढ़ाई का खर्च वहन कर सकते हैं? साथ ही बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने से सम्बन्धित प्रेरणापरक बातें भी बतायी गयी कि, आजकल सरकारी शिक्षण संस्थानों में बहुत अधिक शुल्क नहीं देना पड़ता है।

Authors and Affiliations

डॉ. गयाप्रसाद मिश्र
सहायक अध्यापक, मथुरिया इण्टर कॉलेज, डिबाई, बुलन्दशहर।

बाल-श्रम, बाल श्रमिक, शैक्षणिक, समाजशास्त्रीय,अध्ययन।

  1. ऋग्वेद- 1/1/1
  2. वही- 1/1/9
  3. वही- 1/35/1
  4. वही- 1/35/8
  5. वही- 1/35/10,11
  6. वही- 1/85/1
  7. वही- 1/85/11
  8. वही- 2/33/3,4,6,7,12,13
  9. वही- 2/33/4
  10. वही- 3/59/5,6,7,9
  11. वही- 4/51/7
  12. वही- 1/154/3
  13. वही- 2/12/3,5,6,8,9,11,14
  14. वही- 2/12/2
  15. वही- 2/12/7
  16. वही- 2/12/10

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 105-110
Manuscript Number : GISRRJ1203529
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ. गयाप्रसाद मिश्र , "ऋग्वैदिक सूक्तों में वर्णित परमसत्ता का व्यावहारिक स्वरूप", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 5, pp.105-110, September-October.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ1203529

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