अग्निपुराण में राजधर्म एक अनुशीलन

Authors(1) :-पंकज तिवारी

सारांश- अग्निपुराण को यदि समस्त भारतीय विद्याओं का विश्वकोश कहें तो किसी प्रकार अत्युक्ति न होगी। इन पुराणों का उद्देश्य जनसाधारण में ज्ञातव्य विद्याओं का प्रचार करना भी था। इसका पूरा परिचय हमें इस पुराण के अनुशीलन में मिलता है इस पुराण के 383 अध्यायों में नाना प्रकार के विषयों का सन्निवेश कम आश्चर्य का विषय नहीं है। योगशास्त्र के यम, नियम आदि आठों अंगों का वर्णन संक्षेप में बड़ा ही सुन्दर है। अन्त में अद्वैत वेदान्त के सिद्धान्तों का सार संकलन है। इस पुराण में सब विद्याओं का प्रदर्शन (परिचय) कराया गया है।गंगा तथा प्रयाग आदि तीर्थों की महिमा का वर्णन किया गया है।मन्वन्तर आदि का वर्णन तथा वर्ण और आश्रम आदि के धर्मों का प्रतिपादन किया गया है।

Authors and Affiliations

पंकज तिवारी
शोध छात्र, संस्कृत विभाग, राजकीय महाविद्यालय झाँसी (सम्बद्ध बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय,झाँसी) शोध केन्द्र-नेहरू महाविद्यालय ललितपुर उ0प्र0 (सम्बद्ध बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय,झाँसी)

अग्निपुराण, योगशास्त्र, पुराण, शाक्त आगम, भुवनकोश, ज्योतिश्चक्र, वैद्यक, निघण्टु, समुन्नत राष्ट्र, समुज्ज्वल, बुद्धि अक्षुद्र।

  1. अग्निपुराण के अध्याय 383 श्लोक 52-58
  2. अग्निपुराण के अध्याय 383 के 62-66 तक
  3. अग्निपुराण के अध्याय 383 के 62-66 तक
  4. विष्णु धर्मपुराण 2/65-72, 145-165
  5. गरुड़पुराण 108-115
  6. मत्स्य पुराण 215/64
  7. सभापर्व 5/124
  8. गरुड़पुराण 108/23
  9. अग्निपुराण 223, 1-3
  10. अग्निपुराण 223, 4-6
  11. अग्निपुराण 223, 7-8
  12. अग्निपुराण 223, 13-16
  13. अग्निपुराण 223, 17-18
  14. अग्निपुराण 223, 19-21
  15. अग्निपुराण 223, 22-24
  16. अग्निपुराण 223, 25
  17. अग्निपुराण 223, 26-27
  18. अग्निपुराण 223, 28-30
  19. अग्निपुराण 223, 31-34
  20. अग्निपुराण 227, 1-3
  21. अग्निपुराण 293-1
  22. अग्निपुराण 239, 11-14
  23. अग्निपुराण 239, 15-16

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021
Date of Publication : 2021-02-28
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 141-147
Manuscript Number : GISRRJ120353
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

पंकज तिवारी, "अग्निपुराण में राजधर्म एक अनुशीलन ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 1, pp.141-147, January-February.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ120353

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