बौद्ध कालीन भाषिक परिवेश एवं भाषागत विविधताएं

Authors(1) :-डॉ. जय शंकर शुक्ल

भाषा किसी भी कालखंड में किसी भी समाज के द्वारा विचारों के आदान-प्रदान का एक सशक्त साधन है। जब हम अपनी अभिव्यक्तियों को समृद्ध करते हुए अनुभूति को उसमें समाहित करके जनसामान्य तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं, तो उसके लिए भाषा अत्यंत प्रभावशाली माध्यम माना जाता है। हमारे द्वारा अपनाए गए शब्द हमारा परिचय और हमारी पहचान देते हैं। हम यह मानते हैं कि भाषा के द्वारा ही किसी भी कालखंड की परंपराओं को, रीति-रिवाज को, मान्यताओं को जाना जा सकता है, पहचाना जा सकता है। बौद्ध धर्म में स्वयं गौतम बुद्ध के द्वारा अपनी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाने के लिए उस समय प्रचलित भाषा का साधन के रूप में इस्तेमाल किया गया। भाषिक परिवेश और भाषा की विशेषताएं किसी भी कालखंड में चलने वाली समस्त क्रियाकलाप को सुनिश्चित करते हैं। इस आलेख में हम इसी विवेचन को लेकर अपना पक्ष रखेंगे।

Authors and Affiliations

डॉ. जय शंकर शुक्ल
टी. जी. टी. (हिन्दी), सदस्य, कोर एकेडेमिक यूनिट, परीक्षा शाखा, शिक्षा निदेशालय, पुराना सचिवालय, सिविल लाइन्स, दिल्ली, भारत

सांस्कृतिक-विविधताएं, संरचना, दृष्टिकोण, परंपरा, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, विचार -विनिमय ,प्रयोगवादी, उपादान, जागरूकता, पिटक , महावग्ग, जातक कथाएं।

  1. 1.बुद्धचर्या, राहुल सांकृत्यायन, प्रकाशक-महाबोधि सभा सारनाथ वाराणसी, 1952 पृष्ठ 3 /37।
  2. बुद्ध कालीन समाज एवं धर्म, डॉक्टर मदन मोहन सिंह,प्रकाशक-बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी पटना, 1974,पृष्ठ 5 /35।
  3. बौद्ध संस्कृति का इतिहास, भाग चंद्र जैन, प्रकाशक- आलोक प्रकाशन नागपुर,पृष्ठ 201।
  4. 4.बुद्ध कालीन समाज एवं धर्म, डॉक्टर मदन मोहन सिंह,प्रकाशक-बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी पटना,
  5. 1974 पृष्ठ 2/ 90।
  6. 5.बुद्धचर्या, राहुल सांकृत्यायन, प्रकाशक-महाबोधि सभा सारनाथ वाराणसी,
  7. 1952 पृष्ठ 3 /25।
  8. 6.बौद्ध संस्कृति, राहुल सांकृत्यायन, प्रकाशक-महाबोधि सभा सारनाथ वाराणसी,
  9. 1952 पृष्ठ- 7/ 14।
  10. 7.बुद्धचर्या, राहुल सांकृत्यायन, प्रकाशक-महाबोधि सभा सारनाथ वाराणसी,
  11. 1952 पृष्ठ 3 /26।
  12. 8.भारतीय संस्कृति व उसका इतिहास, सत्यकेतु विद्यालंकार, प्रकाशक- सरस्वती सदन मसूरी,
  13. 1968 पृष्ठ 6/11।

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 2 | March-April 2022
Date of Publication : 2022-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 23-26
Manuscript Number : GISRRJ122522
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ. जय शंकर शुक्ल, "बौद्ध कालीन भाषिक परिवेश एवं भाषागत विविधताएं", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 5, Issue 2, pp.23-26, March-April.2022
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ122522

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