Manuscript Number : GISRRJ1811314
मानव-जीवन एवं संत कबीर
Authors(1) :-डॉ० जया शर्मा विश्व बन्धुत्व की भावना को बल मिलता है तथा मानव स्वयं ही मानवता के प्रेम को अपनाने के लिए अग्रसर हुआ है निश्चित रूप से कबीर की ये साखियाँ मानव को आत्म निरीक्षण की ओर उन्मुख करती है शुद्ध आचरण के लिए सभी को बाध्य करती है। संतोष, उदारता, परोपकार सेवा आदि को अपनाने का आग्रह करती है। अच्छे कर्मों की प्रेरणा बुरे कर्मों का त्याग सच्चरित्रता, सामाजिक एकता, भगवद्भक्ति आदि का संचार करती है। इसलिए कबीर की साखियाँ वाणी के अद्भुत सौन्दर्य से ओतप्रोत हैं और इनमें कबीर को सर्वजयी व्यक्तिव विद्यमान है।
डॉ० जया शर्मा मानव, जीवन, संत, कबीर, सौन्दर्य, परोपकार, संतोष, उदारता। Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 1 | November-December 2018 Article Preview
रीडर एवं अध्यक्ष, संगीत विभाग, आर्य कन्या पी0जी0 कालेज, हापुड़, उत्तर प्रदेश, भारत
Date of Publication : 2018-12-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 195-199
Manuscript Number : GISRRJ1811314
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ1811314