कालिदास की कृतियों में चित्रित धार्मिक क्रियाएँ

Authors(1) :-डॉ॰ रजनीश कुमार पाठक

प्राचीनकाल से ही भारतीय समाज में धर्म की प्रतिष्ठा सर्वोपरि रही है। धर्म का सर्वाधिक प्रभाव मानव-मन पर पड़ता है, इसके द्वारा वह अपने व्यावहारिक जीवन को संयमित करने में सफलता प्राप्त करता है। धर्म को व्यवहार के धरातल पर प्रतिष्ठित करने के लिए यज्ञ और दान आदि क्रियाएँ अपेक्षित होती है। समाज में आर्थिक समानता के लिए तथा अनुचित धन-संग्रह रोकने के लिए दान को धार्मिक महत्त्व दिया जाता है। कालिदास के ग्रन्थों में वर्णित धार्मिक क्रियाएँ भारतीय संस्कृति की मूल भावना को प्रदर्शित करती है।

Authors and Affiliations

डॉ॰ रजनीश कुमार पाठक
प्रवक्ता (संस्कृत) , किशोरी रमण इण्टर कॉलेज, मथुर‌ा, (उत्तर प्रदेश) भारत

यज्ञ, दान, तीर्थ, मूर्ति-पूजा, सूर्योपासना, व्रत, उपवास, प्रदक्षिणा, नीराजना, सङ्गम।

  1. रघुवंश- 3/38
  2. रघुवंश- 10/4
  3. रघुवंश- 16/25
  4. रघुवंश- 9/72
  5. रघुवंश- 18/24
  6. कुमारसंभव- 7/27
  7. कालिदास का भारत, भाग-2, पृष्ठ-147
  8. महाभाष्य- पस्पशाह्निक (पतञ्जलि कृत)
  9. रघुवंश- 13/47
  10. कुमारसम्भवम्- 7/79 तथा रघुवंशम् - 7/24
  11. मेघदूत-1/35
  12. कालिदास का भारत, भाग-1, पृष्ठ-272
  13. रघुवंश- 13/15
  14. रघुवंश- 15/100
  15. रघुवंश- 1/85
  16. रघुवंश- 8/95

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-03-25
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 65-73
Manuscript Number : GISRRJ192112
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ॰ रजनीश कुमार पाठक, "कालिदास की कृतियों में चित्रित धार्मिक क्रियाएँ ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 2, Issue 1, pp.65-73, January-February.2019
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ192112

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