Manuscript Number : GISRRJ192255
नासिरा शर्मा के उपन्यासों में अभिव्यक्त सामाजिक चेतना
Authors(1) :-डॉ. मनीषा शंखवार
नासिरा शर्मा के उपन्यास हिंदी साहित्य में सामाजिक चेतना के सशक्त वाहक हैं। उनकी रचनाएँ समाज की जटिलताओं, विशेष रूप से नारी की स्थिति, धार्मिक रूढ़ियों, सामाजिक असमानता, और मानवीय संवेदनाओं को गहनता से उजागर करती हैं।नासिरा शर्मा के उपन्यासों में नारी की स्थिति और उनके संघर्ष को प्रमुखता से चित्रित किया गया है। वे मुस्लिम समाज में स्त्रियों की दशा, रूढ़ियों, और अंधविश्वासों के खिलाफ उनकी लड़ाई को उजागर करती हैं। उदाहरण के लिए, शाल्मली में नायिका शाल्मली सामाजिक बंधनों को तोड़कर अपने करियर और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करती है, जो नारी की जागृत चेतना को दर्शाता है। पारिजात में भी नारी की वेदना और उसकी आंतरिक चेतना का चित्रण है, जो सामाजिक परिवर्तन की माँग करता है।
डॉ. मनीषा शंखवार
स्त्री विमर्श, भारतीय समाज, हिन्दी उपन्यास, नासिरा शर्मा, सामाजिक चेतना । Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 4 | July-August 2019 Article Preview
असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, लक्ष्मीबाई कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।
Date of Publication : 2019-07-25
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 83-87
Manuscript Number : GISRRJ192255
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ192255