वाल्मीकि रामायण में प्रतिबिम्बित मानव-मूल्यों का सामाजिक अनुशीलन

Authors(1) :-डॉ बशिष्ठ सिंह कुशवाहा

वाचिक, आंगिक एवं साप्तिक अभिनयके द्वारा ज¨ हमारी चित्तवृत्तिय का विश्¨ष रूप से विभावन, अर्थात् ज्ञापन कराने वाल् हेतु या निमित्त हते हैं, उन्हें ही विभाव की संज्ञा प्रदान की गयी है यहाँ चितवृत्तिय से स्थायी एवं व्यभिचारी नामक भाव ही अभिप्रेत हैं जिन्हें विभाव विभावित अथवा ज्ञापित कराते हैं। आलम्बन एवं उद्दीपन भेद से विभावद प्रकार हते हैं। उक्त चित्तवृत्तिय के विषयभूत विभाव आलम्बन कहे जाते हैं तथा भावक उद्दीप्त करने वाल्¨ उन्हें समुत्त्¨जन प्रदान करने वाल्¨ विभाव उद्दीपन हते हैं। भाविके आलम्बन एवं उद्दीपन की क¨ई संख्या नियत नहीं है; नायकादि तथा देश-काल आदि भेद से वे कई प्रकार के ह जाते हैं।

Authors and Affiliations

डॉ बशिष्ठ सिंह कुशवाहा
(प्रवक्ता) +2 उच्च विद्यालय, देवघर, झारखण्ड, भारत

वाल्मीकि, रामायण, समानता, मानवता, सदाचार, निलोभिता, त्यागशीलता

  1. नीतिशास्त्र की भूमिका— डॉo ह्रदयनारायण मिश्र, पृo 170
  2. नवनीत जुलाई 1984, संस्कृति और जीवन मूल्य, पृo 36
  3. प्राचीन भारत का सामाजिक इतिहास—डॉo जयशंकर मिश्र, पृo 238
  4. रामचरितमानस में जीवन मूल्य— डॉo अमिता रानी सिंह, पृo 29
  5. वाल्मीकि रामायण— 7/45/10—15
  6. वाल्मीकि रामायण— 2/23/5—6
  7. लाल्मीकि रामायण— 2/13/2
  8. वाल्मीकि रामायण— 2/2/31—32
  9. वाल्मीकि रामायण— 2/33/12
  10. वाल्मीकि रामायण— 2/14/7
  11. वाल्मीकि रामायण— 1/21/6
  12. वाल्मीकि रामायण— 3/9/26
  13. वाल्मीकि रामायण— 3/10/3
  14. वाल्मीकि रामायण— 1/33/7-9
  15. वाल्मीकि रामायण— 2/19/33
  16. वाल्मीकि रामायण— 2/20/4
  17. वाल्मीकि रामायण— 2/22/3
  18. वाल्मीकि रामायण— 2/21/23-24
  19. वाल्मीकि रामायण— 2/30/35-36
  20. ब्राह्मणोडस्य मुखमासीद् बाहू राजन्यः कृतः। ऊरू तदस्य यद्वैष्यः पद्भयां शूद्रो अजायत।। ऋग्वेद—10/90/12
  21. वाल्मीकि रामायण— 3/14/30
  22. वाल्मीकि रामायण— 1/1/96 उतरार्द्ध
  23. वाल्मीकि रामायण का समाजशास्त्रीय अध्ययन- शूबनम गुप्ता, पृo 80
  24. वाल्मीकि रामायण— 1/1/100
  25. वाल्मीकि रामायण— 1/13/20
  26. वाल्मीकि रामायण— 1/65/26
  27. वाल्मीकि रामायण— 1/75/24-25, 1/76/6
  28. वाल्मीकि रामायण— 1/58/10
  29. वाल्मीकि रामायण— 1/59-19-21
  30. वाल्मीकि रामायण— 2/14/32, 2.15.24
  31. वाल्मीकि रामायण— 2/17/15
  32. वाल्मीकि रामायण— 1/59/13-15
  33. वाल्मीकि रामायण— 1/25/12-13
  34. वाल्मीकि रामायण— 3/17/23
  35. वाल्मीकि रामायण— 1/1/26/28
  36. वाल्मीकि रामायण— 2/12/68
  37. वाल्मीकि रामायण— 4/1/108, 110
  38. वाल्मीकि रामायण— 5/24/10-13
  39. वाल्मीकि रामायण— 5/55/23
  40. वाल्मीकि रामायण— 5/55/28
  41. वाल्मीकि रामायण— 4/6/7-8
  42. प्राचीन भारतीय साहित्य में नारी— डॉo गजानन शर्मा, पृo 84

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 3 | May-June 2019
Date of Publication : 2019-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 35-40
Manuscript Number : GISRRJ19235
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ बशिष्ठ सिंह कुशवाहा, "वाल्मीकि रामायण में प्रतिबिम्बित मानव-मूल्यों का सामाजिक अनुशीलन", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 2, Issue 3, pp.35-40, May-June.2019
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ19235

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