Manuscript Number : GISRRJ19242
वैदिक वाङ्मय एक चिन्तन
Authors(1) :-मधु शुक्ला नित्य यज्ञ के विधि विधान को आश्रम में निवास करने वाले समस्त जन समुदाय को सम्मिलित होकर सहयोग करना अपेक्षित था द्य जिसके फल स्वरूप समस्त समाज में सुख समृद्धि के साथ दृ साथ शांति व आत्मनिर्भरता सामान्यतः दृष्टिगोचर होती थी द्य
मधु शुक्ला आर्ष एसाहित्यए एवैदिकए वाङ्गमयए दीक्षाए निमित्तए सनातनए कालए पारिवारिकए संस्कारए सात्विकए आहारए सदाचारए ब्रह्मचर्यद्य Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 4 | July-August 2019 Article Preview
संस्कृत विभाग, इलाहाबाद विश्वद्यालय, प्रयागराज, भारत
Date of Publication : 2019-07-30
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Page(s) : 05-10
Manuscript Number : GISRRJ19242
Publisher : Technoscience Academy
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