Manuscript Number : GISRRJ19278
सीता का चरित्र विवेचन: कतिपय प्रबन्ध-काव्यों के विशेष सन्दर्भ में
Authors(1) :-डाॅ0 मधु शर्मा महाकाव्यों में सीता का चरित्र बड़ी विविधताएँ लिए हुए हैं। पुत्री, पत्नी, वात्सल्यमयी जननी, स्नेहिला भ्रातृजाया तपस्विनी तथा रण के प्रांगण में अपना शौर्य प्रदर्शन करने वाली वीरांगना के रूप में सीताजी का चरित्र रूपान्तरित हुआ है। वास्तव में नारी जाति के लिए वे प्रेरणास्रोत बनी हैं। जब तक भारतीय संस्कृति की अजस्र निर्मल धारा धरणीतल पर अस्तित्व में रहेगी, तब तक उनका चरित्र अनवरत अनुकरणी रहेगा। वे ध्रुवतारिका की भांति भारतीय तो क्या समूचे विश्व के मानस-पटल पर सदा-सर्वदा द्योतित होती रहेंगी।
डाॅ0 मधु शर्मा महाकाव्य, सीता, चरितत्र, प्रबन्ध, भारतीय, संस्कृति, नाटक, नायक, वाल्मीकि। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 6 | November-December 2019 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, नानकचन्द ऐंग्लो संस्कृत महाविद्यालय, मेरठ,उत्तर प्रदेश।, भारत।
Date of Publication : 2019-12-30
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Page(s) : 118-123
Manuscript Number : GISRRJ19278
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ19278