Manuscript Number : GISRRJ2032115
गुरू शिष्य परम्परा घराना एवं वर्तमान समय में उसकी आवश्यकता
Authors(1) :-डॅा० जया शर्मा संस्थाओं में प्रतिभावान छात्र श्रेष्ठ गुरूओं से संगीत की परम्परागत तालीम लेकर उच्च कोटि के कलाकार बन सकेगें। एक अन्य दृष्टिकोण मेरा यह भी है कि वर्तमान में अनेक विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में संगीत विषय के रूप में भाामिल है यदि इन शिक्षण संस्थाओं में घरानेदार शिक्षा का समावेश कर लिया जाये तो संगीत कला और अधिक उन्नति के शिखर पर आसीन हो सकती है।
डॅा० जया शर्मा गुरु, शिष्य,घराना, संगीत, तालीम, विद्यालय, महाविद्यालय, शिक्षण। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020 Article Preview
एसो०प्राफेसर (संगीत विभाग), आर्य कन्या पी०जी०कालिज, हापुड़, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-04-30
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Page(s) : 152-154
Manuscript Number : GISRRJ2032115
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ2032115