Manuscript Number : GISRRJ20328
गीतिकाव्य–विमर्श
Authors(1) :-डॉ॰ दीनानाथ मिश्र संस्कृत साहित्य में गीतिकाव्य की उत्पत्ति ऋग्वेद से हुई है। ऋग्वेद में देवताओं के प्रति ऋषियों द्वारा की गई स्तुतियाँ गेयात्मक, भावात्मक और संगीतात्मक है। गीतिकाव्य मुख्य रूप से भक्ति, शृंगार, करूण एवं शान्त रसों में उपलब्ध होते हैं। गीतिकाव्य में भावातिरेक, कल्पना और संगीत – ये तीन तत्त्व प्रमुख हैं। गीतिकाव्य कवि के कोमल भावों की अभिव्यक्ति है।
डॉ॰ दीनानाथ मिश्र गीतिकाव्य, ऋग्वेद, रस, भाव, संगीत इत्यादि। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020 Article Preview
ग्राम+पो॰-अतिहर, भाया-सारामोहनपुर, जिला-दरभंगा, बिहार, भारत।
Date of Publication : 2020-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 31-34
Manuscript Number : GISRRJ20328
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ20328