Manuscript Number : GISRRJ203320
स्त्री.विमर्श और हिंदी उपन्यास
Authors(1) :-डाॅ. कमलेन्द्र चक्रपाणि अनेक उपन्यास हैं जो स्त्री-विमर्श की तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। विपुल मात्रा में रचा जा रहा स्त्री-लेखन इस बात का प्रमाण है कि आज की नारी बदल रहे समय, समाज और उसके विद्रूपों, चुनौतियों के प्रति सजग-सचेत है, जहाँ देह-मुक्ति की आवाज़ उठी है, वहीँ स्त्री-पुरुष संबंधों में मैत्री और सौहार्द के लिए संघर्ष भी है। स्त्री-शोषण, बलात्कार की समस्याएं, आतंकवाद से उपजे विस्थापन, ग्रामीण स्त्रियों की समस्यों और स्वचेतना, रूढ़ियों-बेड़ियों और व्यवस्था की अड़चन से भिड़ती आज की चेतना संपन्न लेखिकाएं स्व को तलाशती यात्रा कर रही हैं। घरेलु से लेकर वैश्विक समस्याओं के प्रति सचेत लेखिकाएं अपनी समृद्ध सोच से साहित्य में अपनी भागीदारी निभा रही हैं।
डाॅ. कमलेन्द्र चक्रपाणि स्त्री-विमर्श, उपन्यास, हिन्दी, समय, समाज, स्त्री-पुरुष, स्त्री-शोषण, बलात्कार, आतंकवाद। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020 Article Preview
एम.ए., नेट, पी-एच.डी, भारत।
Date of Publication : 2020-02-25
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 81-85
Manuscript Number : GISRRJ203320
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203320