Manuscript Number : GISRRJ203325
भारतीय महिला : अस्मिता और अस्तित्व
Authors(1) :-डाॅ. पूनम सिहॅं नारी प्रष्न आज के आधुनिक विकास के दौर में भी बना हुआ है। सामाजिक परिर्वतन, सास्कृतिक बदलाव, प्रजातान्त्रिक मूल्यों और व्यक्ति के मानवाधिकारों की लगातार बढ़ती जनचेतना, षिक्षा और प्रसार के तकनीकी दौर में क्या मौजूदा परिवार व्यवस्था को पुरानी पितृसत्ता की निरंकुषता को बनाए-बचाए रखकर बचाना संभंव है? सामन्ती परिवार सत्ता से प्रजातांत्रिक राजसत्ता (आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और वैद्यानिक) तक में आज भी स्त्री की स्थिति, सम्मान और अधिकार क्या है? विवाह से विवाहोविच्छेद तक के निर्णयों में उसका अपना निर्णय कहाँ और कितना है? एक संबंध से मुक्त होने की विवषता से लेकर दूसरे संबंध में बांधने की मजबूरी के पीछे स्त्री कितनी अपमानित, असहाय और आहत है। इस वर्तमान दौरे में भी भारतीय महिलाओं की स्थिति कुछ सुधरी है तो कुछ उसकी स्थिति वैष्विक सषक्तीकरण के नाम पर देह विमर्ष तक सिमटकर रह गई है।
डाॅ. पूनम सिहॅं Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020 Article Preview
नेट पी-एच.डी. राजनीतिशास्त्र
Date of Publication : 2020-02-25
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Page(s) : 102-106
Manuscript Number : GISRRJ203325
Publisher : Technoscience Academy
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