कोविड-19 के खिलाफ कारगर ‘योग’

Authors(1) :-डाॅ. शाहेदा सिद्दीकी

खुद को स्वस्थ रख कर बीमारियों से बचना आज दुनियां भर में इंसान के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। योग इस चुनौती से निपटने में हमारी सहायता करता है। यह शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मददगार है। यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का संतुलन बना कर तनाव से मुक्ति दिलाता है। योग शरीर को लचीला बना कर उसे स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। योग अपने दृष्टिकोण में संपूर्ण होने के कारण जीवन के सभी पक्षों में तालमेल लाता है। इसलिये इसे रोगों की रोकथाम, स्वास्थ्य संवर्द्धन और जीवनशैली से संबंधित विसंगतियों के प्रबंधन के लिए जाना जाता है।

Authors and Affiliations

डाॅ. शाहेदा सिद्दीकी
प्राध्यापक,(समाजशास्त्र), शा.ठाकुर रणमत सिंह, महाविद्यालय, रीवा, मध्य प्रदेश, भारत।

संतुलन, अनुशासन, लचीला, जीवनशैली एवं विसंगतियां तथा प्रबंधन आदि।

  1. महाभारत, प्रथम खण्ड, आदिपर्व. अध्याय 62, श्लोक 53, पृ. 210
  2. देवी भागवत, पहला स्कन्ध,
  3. उपाध्याय, बलदेव, संसा. का इतिहास, पृ. - 76-77
  4. महाभारत, आदिपर्व, अध्याय श्लोक 86
  5. महाभारत, शांतिपर्व, अध्याय 349, श्लोक 5
  6. सर्व शास्त्रार्थ तत्वज्ञ पराशरसुतं प्रभुम । ब्रह्मपुराणम, अध्याय 1, श्लोक 29
  7. पराशर सुतोव्यासः कृत्वा पौराणिकी कथाम। वायपुराणम, अध्याय 2 श्लोक 11
  8. पराशरसुतो व्यासं, कृष्णद्वैपायनोऽभवत्। कर्मपुराणम अध्याय 522, श्लोक 9
  9. पराशर्य महाभागम् यत्वं प्रच्छसिमामिह। देवीभागवत, अध्याय 1, श्लोक 41
  10. कृतस्वन्दनांश्चाहं कुतासन परिग्रहान्। विष्णु पुराण, अध्याय 2 श्लोक 101
  11. यच्दवः फलमेवेह जनुषों में कृतार्थता। वायु पुराण अध्याय 2 श्लोक 7
  12. एवमुक्तं पुरा विप्रा व्यासेनामित तेजसाः। पदम पूराण अध्याय श्लोक 1
  13. मेरूभंगे महारम्य व्यास सत्यवती सुतः। देवीभागवत, अध्याय श्लोक 11
  14. महाभारत, आदिपर्व, अध्याय 117, श्लोक 7
  15. सत्यवती दृष्टाम लब्धवा वरमनुत्तमम्। अध्याय 63, श्लोक 83-84
  16. देवी भागवत, अध्याय 1, श्लोक 23.28
  17. महाभारत, शांति पर्व, अध्याय 323, श्लोक 27
  18. महाभारत, आदिपर्व, अध्याय 1, श्लोक 104
  19. महाभारत, शांतिपर्व, अध्याय श्लोक 22
  20. तसोरूत्पादयापत्यं समथोह्यासि पुत्रक। महाभारत, आदिपर्व, अध्याय 104, श्लोक 38
  21. महाभारत, अध्याय 104, श्लोक 39-41, पृ. 378
  22. देवी भागवत पुराण 1/3/24-33
  23. ततः वा पदृमादाय कृत्वा बहुगुणां तदा। बवन्ध नेत्रे स्वे राजन् पतिव्रतपरायणा।। महाभारत, आदिपर्व अध्याय 109 श्लोक
  24. न्यूनमाचरित पाप मया पूर्वेषु जन्मासु।या पश्यामि हतान् पुत्रान् पौत्रान् भ्रातृथ्य माधव वही, स्त्रीपर्व अध्याय 16 श्लोक 60
  25. अंह तु तद विजनामि विजोतुं येन शक्यते। युधिष्ठर स्वयं राजस्तन्तिबोध जुषरव च ।।
  26. तस्याक्षसे कुशलो राजन्नादास्येदऽहम सशयम् । राज्य श्रिय च ता दीप्तां त्वदर्थ पुरुषर्षभ वही, सभापर्व 48, 17.21
  27. वही, आदिपर्व 110, 6-22
  28. सर्वेषामहिषी राजन् द्रौपदी नो भविष्यति।एवं प्रत्याहृत पूर्व मम मात्रा विशापते ।। वहीं, आदिपर्व 194 23
  29. गत्वा बूहि महाबाहो सर्वशंस्त्र भ्रता वरम् । अर्जुन पाण्डवं वीर द्रोपद्याः पदवी चर।।वही, उधोगपर्व 90, 30
  30. अभिमन्यु रिव प्रीता द्वारवत्यां रता भ्रशम । त्वामिवेषां सुभद्रा च प्रीत्या सर्वात्मना स्थितावही, वनपर्व 235, 12
  31. तैष्व प्रमोदन तथा करोति तथैव भूयश्च तथा सुभद्रा ।। वही, बनपर्व 183, 27 

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022
Date of Publication : 2022-02-07
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 36-40
Manuscript Number : GISRRJ203333
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ. शाहेदा सिद्दीकी, "कोविड-19 के खिलाफ कारगर ‘योग’ ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 5, Issue 1, pp.36-40, January-February.2022
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203333

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