श्रमिक नेता के रूप में डॉ अंबेडकर

Authors(1) :-डॉ.स्वदेश सिंह

मुख्य रूप से हम बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत के संविधान निर्माता के रूप में जानते हैं लेकिन उससे पहले वो वॉयसरॉय की परिषद के श्रम सदस्य के रूप में काम कर चुके थे जिसे हम श्रम मंत्री भी कह सकते हैं । डॉ. अम्बेडकर ने श्रम मंत्री के रूप में लगभग 5 वर्ष (1942-1946) तक अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया । इस सीमित कालखंड में बाबा साहेब ने दलित एवं श्रमिक वर्ग के बंधुओं के हित में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया । इस अवधि में उन्होंने ब्रिटिश राज की बन्दिशों और सीमाओं के बावजूद श्रमिकों के लिए कई ऐसे कानून बनाये जो बाद में चलकर भारत के ही नहीं पूरे विश्व के श्रमिकों के लिए हितकारी साबित हुए । डॉ अंबेडकर द्वारा बनाए ये प्रावधान कई श्रमिक कानूनों के बनने में मार्गदर्शक सिद्ध हुए । उस समय डॉ. अंबेडकर ने कई मजदूर आन्दोलनों की मांगों को अपने एजेंडे में लिया । मजदूर संगठनों की कई मांगों को मानते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और बाध्यकारी कानून बनवाए । उन्होंने खुद भी मजदूर संगठनों के बीच काम किया था और उनकी समस्याओं को करीब से समझा था । इस शोध आलेख में डॉ. अंबेडकर द्वारा बनाए गए श्रमिक कानूनों को केंद्र में रखकर उसका अध्ययन व विश्लेषण किया गया है ।

Authors and Affiliations

डॉ.स्वदेश सिंह
असिस्टेंट प्रोफेसर, सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय।, भारत।

श्रम कानून, डॉ. अंबेडकर, भारतीय संविधान, श्रमिक वर्ग, मानवाधिकार ।

  1. Narendra Jadhav, Ambedkar, Awakening India’s Social Conscience.Konark Publications.
  2. Thus Spoke Ambedkar, Navyana Publishing Pvt Ltd, New Delhi.
  3. डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर, सूर्य नारायण रणसुभे, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली ।
  4. दत्तोपंत ठेंगड़ी, डॉ. अम्बेडकर और सामाजिक क्रांति की यात्रा, लोकहित प्रकाशन, लखनऊ ।

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022
Date of Publication : 2022-02-07
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 79-84
Manuscript Number : GISRRJ203339
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ.स्वदेश सिंह, "श्रमिक नेता के रूप में डॉ अंबेडकर ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 5, Issue 1, pp.79-84, January-February.2022
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203339

Article Preview