रामदरश मिश्र के उपन्यासों में पर्व-विवेचन

Authors(2) :-डाॅ0 मधु शर्मा, बबीता चैधरी

भारतीय लोक संस्कृति अपनी धर्म परायणता के लिए जानी जाती है। विभिन्न देवी- देवताओं के नाम स्मरण के लिए भारतीय समाज में अनेक पर्व उत्सव के रूप में मनाये जाते हैं। पंचाग के अनुसार इन पर्वों की संख्या बहुत अधिक है। ये पर्व भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण अंग हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति के अनेक संस्कारों, परम्पराओं, रीति-रिवाजों को अपने अन्तर्गत समाहित किया हुआ है। रामदरश मिश्र जी ने अपने उपन्यासों में ग्रामीण जीवन के सजीव अंकन के लिए ग्राम्य जीवन का आधार विभिन्न प्रकार के मेलों और पर्वों का बहुतायत से वर्णन किया है, जिनमें प्रमुख रूप से रामनवमी, शिवरात्रि, नवरात्रि, नागपंचमी, बसंत पंचमी, दुर्गापूजा इत्यादि का चित्रण किया है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 मधु शर्मा
एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, नानकचन्द ऐंग्लो संस्कृत काॅलेज, मेरठ।
बबीता चैधरी
शोधछात्रा, हिन्दी विभाग, नानकचन्द ऐंग्लो संस्कृत काॅलेज, मेरठ।

लोक संस्कृति, पर्व, ग्राम्य-जीवन, उज्ज्वल, संरक्षक, सम्प्रदाय।

  1. वामन शिवराम आप्टे-संस्कृत-हिन्दी कोश पृष्ठ सं0 190
  2. सं॰ महादेव शास्त्री जोशी-मुलांचा संस्कृति कोश-प्रथम खण्ड, पृष्ठ संख्या-185
  3. रामदरश मिश्र-पानी के प्राचीर, पृष्ठ संख्या-167
  4. रामदरश मिश्र-दूसरा घर, पृष्ठ संख्या-166
  5. रामदरश मिश्र-थकी हुई सुबह, पृष्ठ संख्या-12
  6. रामदरश मिश्र-बचपन भास्कर का, पृष्ठ संख्या-25
  7. रामदरश मिश्र-जल टूटता हुआ, पृष्ठ संख्या-31
  8. रामदश मिश्र-थकी हुई सुबह, पृष्ठ संख्या-28
  9. रादरश मिश्र-दूसरा घर, पृष्ठ संख्या-97
  10. रामदरश मिश्र-पानी के प्राचीर, पृष्ठ संख्या-37
  11. रामदरश मिश्र-जल टूटता हुआ, पृष्ठ संख्या-119
  12. वही, पृष्ठ संख्या-11
  13. ममता शर्मा-रामदरश मिश्र के उपन्यासों में ग्राम्य चेतना, पृष्ठ संख्या-137
  14. रामदरश मिश्र-जल टूटता हुआ, पृष्ठ संख्या-341
  15. रामदरश मिश्र-दूसरा घर, पृष्ठ संख्या-225-226
  16. रामदरश मिश्र-बीस बरस, पृष्ठ संख्या-27
  17. रामदरश मिश्र-जल टूटता हुआ, पृष्ठ संख्या-119
  18. रामदरश मिश्र, बचपन भास्कर का, पृष्ठ संख्या-34
  19. वही, पृष्ठ संख्या-35
  20. डाॅ॰ ममता शर्मा-रामदरश मिश्र के उपन्यासों में ग्राम चेतना, पृष्ठ संख्या-216
  21. रामदरश मिश्र-थकी हुई सुबह, पृष्ठ संख्या-78
  22. रामदरश मिश्र-जल टूटता हुआ, पृष्ठ संख्या-121-122
  23. रामदरश मिश्र-पानी के प्राचीर, पृष्ठ संख्या-38

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-02-25
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 140-145
Manuscript Number : GISRRJ203390
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ0 मधु शर्मा, बबीता चैधरी, "रामदरश मिश्र के उपन्यासों में पर्व-विवेचन", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 2, Issue 1, pp.140-145, January-February.2019
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203390

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