Manuscript Number : GISRRJ203390
रामदरश मिश्र के उपन्यासों में पर्व-विवेचन
Authors(2) :-डाॅ0 मधु शर्मा, बबीता चैधरी भारतीय लोक संस्कृति अपनी धर्म परायणता के लिए जानी जाती है। विभिन्न देवी- देवताओं के नाम स्मरण के लिए भारतीय समाज में अनेक पर्व उत्सव के रूप में मनाये जाते हैं। पंचाग के अनुसार इन पर्वों की संख्या बहुत अधिक है। ये पर्व भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण अंग हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति के अनेक संस्कारों, परम्पराओं, रीति-रिवाजों को अपने अन्तर्गत समाहित किया हुआ है।
रामदरश मिश्र जी ने अपने उपन्यासों में ग्रामीण जीवन के सजीव अंकन के लिए ग्राम्य जीवन का आधार विभिन्न प्रकार के मेलों और पर्वों का बहुतायत से वर्णन किया है, जिनमें प्रमुख रूप से रामनवमी, शिवरात्रि, नवरात्रि, नागपंचमी, बसंत पंचमी, दुर्गापूजा इत्यादि का चित्रण किया है।
डाॅ0 मधु शर्मा लोक संस्कृति, पर्व, ग्राम्य-जीवन, उज्ज्वल, संरक्षक, सम्प्रदाय। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग,
नानकचन्द ऐंग्लो संस्कृत काॅलेज, मेरठ।
बबीता चैधरी
शोधछात्रा, हिन्दी विभाग,
नानकचन्द ऐंग्लो संस्कृत काॅलेज, मेरठ।
Date of Publication : 2019-02-25
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 140-145
Manuscript Number : GISRRJ203390
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203390