Manuscript Number : GISRRJ20347
किरातार्जुनीय और शिशुपाल की संक्षिप्त कथा: एक अध्ययन
Authors(1) :-डाॅ0 ज्योति महाराज युधिष्ठिर जूये में हार जाने से भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव तथा द्रौपदी के साथ द्वैतवन नामक जङ्गल में निवास करते थे, उस समय उन्होंने दुर्योधन का समाचार जानने के लिये एक वनवासी (किरात-वनेचर) को ब्रह्मचारी के वेष में भेजा था, वह सब हाल जानकर महाराज युधिष्ठिर के पास आया और कहने लगा- हे महाराज दुर्योधन इस समय राज्य का नीतिपूर्वक शासन कर रहा है, ‘मै राजा हूँ मेरा यही धर्म है’ ऐसा समझता हुआ शत्रु या पुत्र जो हो उसे धर्मशास्त्रानुसार दण्ड देता है। उसके यहाँ बड़े-बड़े राजा लोग आकर दरवार में कर देते हैं तथा जो आदेश करता है उसे सब पूरा करते हैं, उसके राज्य में सर्वत्र कृषि उत्तम रूप से होती है, और प्रजा प्रसन्नता से समय-समय पर कर देती है। वह दुःशास को युवराज बनाकर स्वयं यज्ञादि करता रहता है, इसलिये अब आप उसे जीतने के लिये कोई प्रबल उपाय करें।
डाॅ0 ज्योति Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 4 | July-August 2020 Article Preview
एम.ए., पीएच.डी. (संस्कृत) बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (बिहार), भारत।
Date of Publication : 2020-07-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 40-43
Manuscript Number : GISRRJ20347
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ20347