नीतिशतक में सामाजिक चेतना

Authors(1) :-प्रदीप कुमार

समाज का वास्तविक अर्थ एक साथ मिलकर रहना है। जब लोग सामाजिक आदर्श से प्रभावित होकर उस आदर्श की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ते है तो वही समाज कहलाता है तथा सामाजिक चेतना का तात्पर्य है कि जो मानव जीवन को महान और आदर्श व्यक्तित्व की प्राप्ति कराएए सामाजिक चेतना का बीज एक साथ चलने और चिंतन करने में हैं जिसमें बौद्धिक विकास के साथ मनुष्य की अभिव्यक्तियों में वृद्धि होती है।

Authors and Affiliations

प्रदीप कुमार
वरिष्ठ शोध अध्येता,संस्कृत विभाग नेहरू ग्राम भारती (मानित विश्वविद्यालय) प्रयागराज (उ.प्र.)

आचार्य भर्तृहरिए नीतिशतकए सामाजिकए चेतना ।

  1. नीति-शतक बाबूहरिदास वैद्य हरिदास एण्ड कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड 2014

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-10-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 134-136
Manuscript Number : GISRRJ2035214
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

प्रदीप कुमार, "नीतिशतक में सामाजिक चेतना", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 5, pp.134-136, September-October.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ2035214

Article Preview