भवभूति के रूपकों में पूजाविधान

Authors(1) :-अनुपम सिंह

भ©तिकतावादी मनुष्य ने पूजा-धूम के स्थान जहरील्¨ एवं दमघ¨टू गैस क¨ वायुमण्डल में उत्सर्जित कर सम्पूर्ण मानवीय सभ्यता अ©र वातावरण क¨ विनाश के कगार पर पहुँचा दिया है। प्राकृतिक असंतुलन के कारण आज हम अ¨ज¨न पर्त में छिद्र, ग्ल¨बल वार्मिंग, अतिवृष्टि अ©र अनावृष्टि जैसी भयावह समस्याअ¨ं से जूझ रहे हैं। यदि इन समस्याअ¨ं से बाहर निकलना है त¨ मनुष्य क¨ पूजा विज्ञान क¨ समझते हुए यह जानना ह¨गा कि प्रकृति के द¨हन अ©र श¨षण में बड़ा अन्तर है।

Authors and Affiliations

अनुपम सिंह
ग्राम-माझा सोनौरा, पोस्ट-चैरे बाजार, तहसील-बीकापुर, जिला-अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत।

भवभूति, रूपक, पूजा, वायुमण्डल, विनाश, विज्ञान, संस्कृति, संस्कृत, काल।

  1. ऋग्वेद-1/1.
  2. शतपथ ब्राह्मण- 11/5/6/1.
  3. यज्ञमीमांसा- पृ0 51.
  4. शतपथ ब्राह्मण- 3/4/3/11.
  5. शतपथ ब्राह्मण- 1/5/2/11.
  6. तैत्तिरीय ब्राह्मण- 1/6/1/8.
  7. मनुस्मृति- 3/75.
  8. मनुस्मृति- 3/70-71.
  9. मनुस्मृति- 3/75.
  10. उत्तररामचरित् - 1/2.
  11. वही, 1/15.
  12. वही, 5/38.
  13. वही, द्वितीय अंक।
  14. उत्तररामचरित् 2/3.
  15. वही, द्वितीय अंक।
  16. मनुस्मृति- 3/36.
  17. उत्तररामचरित्, पृ0-217.
  18. महावीरचरित् 1/1.
  19. मालती माधव- 1/1.
  20. उत्तररामचरित् 1/1.
  21. वही, पृ0 143.
  22. मालतीमाधव- 5/21-22-25.
  23. उत्तररामचरित्, 1/49.
  24. मनुस्मृति- 3/102.
  25. वही, 2/1.
  26. उत्तररामचरित् 1/25.
  27. महावीर चरित्, पृ0 54.
  28. महावीरचरित्- 4/57.

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020
Date of Publication : 2020-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 127-132
Manuscript Number : GISRRJ203523
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

अनुपम सिंह, "भवभूति के रूपकों में पूजाविधान ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 3, pp.127-132, May-June.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203523

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