Manuscript Number : GISRRJ203523
भवभूति के रूपकों में पूजाविधान
Authors(1) :-अनुपम सिंह भ©तिकतावादी मनुष्य ने पूजा-धूम के स्थान जहरील्¨ एवं दमघ¨टू गैस क¨ वायुमण्डल में उत्सर्जित कर सम्पूर्ण मानवीय सभ्यता अ©र वातावरण क¨ विनाश के कगार पर पहुँचा दिया है। प्राकृतिक असंतुलन के कारण आज हम अ¨ज¨न पर्त में छिद्र, ग्ल¨बल वार्मिंग, अतिवृष्टि अ©र अनावृष्टि जैसी भयावह समस्याअ¨ं से जूझ रहे हैं। यदि इन समस्याअ¨ं से बाहर निकलना है त¨ मनुष्य क¨ पूजा विज्ञान क¨ समझते हुए यह जानना ह¨गा कि प्रकृति के द¨हन अ©र श¨षण में बड़ा अन्तर है।
अनुपम सिंह भवभूति, रूपक, पूजा, वायुमण्डल, विनाश, विज्ञान, संस्कृति, संस्कृत, काल। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020 Article Preview
ग्राम-माझा सोनौरा, पोस्ट-चैरे बाजार, तहसील-बीकापुर, जिला-अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 127-132
Manuscript Number : GISRRJ203523
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203523