नारीवादः दशा और दिशा

Authors(1) :-डा0 रुचि पाण्डेय

भौतिकता की आड़ में नारी ने कहीं न कहीं अपनी पहचान खोई है। अतः हमें यह विचारना होगा कि विधाता की प्रथम सृष्टि जो श्रद्धा से परिपूर्ण व प्रेममयी स्वरूप की साक्षात् प्रतिमूर्ति है, उसके स्थान को सम्मानजनक विशिष्टता देनी ही होगी।

Authors and Affiliations

डा0 रुचि पाण्डेय
एसो.प्रोफे. संस्कृत, आगरा काॅलेज, आगरा, उत्तर प्रदेश।, भारत

नारीवाद, दशा, दिशा, भौतिकता, साहित्य, सम्मान, नारी, दशा।

  1. कामायनी - श्री जयशंकर प्रसाद
  2. रामायण - वाल्मीकि
  3. महाभारत -वेदव्यास
  4. अभिज्ञान शाकुन्तलम् - कालिदास
  5. संविधान अनुच्छेद - 376, 376-।, 376-ठ, 376-ब्

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 3 | May-June 2019
Date of Publication : 2019-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 141-144
Manuscript Number : GISRRJ2035284
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डा0 रुचि पाण्डेय, "नारीवादः दशा और दिशा", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 2, Issue 3, pp.141-144, May-June.2019
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ2035284

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