शक्षा में बदलाव किस ओर

Authors(1) :-डाॅ. विनय कुमार

प्रकृति में प्रत्येक को वृद्धि के लिए छूट होती है। न तो वायु के प्रवाह में कोई भेदभाव किया जाता है और न ही धूप के पहुंचने में कोई रोक-टोक। वर्षा सभी को समान रूप से अमृत का सिंचन करती है। ठीक इसी भांति शिक्षा में बदलाव होना आवश्यक है किन्तु यह बदलाव ऐसे किया जाए ताकि सभी एक साथ बढ़ सकें, एक-दूसरे की मदद करते हुए समाज को आगे ले जा सकें और किसी प्रकार की ऊंच-नीच या भेदभाव का कोई स्थान न हो। बदलाव की दिशा सामाजिक, राजनीति से प्रेरित न होकर इसका उद्देश्य एक प्रगतिशील समाज का गठन होना चाहिए।

Authors and Affiliations

डाॅ. विनय कुमार
प्राचार्य, त्रिवेणी काॅलेज आॅफ एजुकेशन, नवादा, बिहार, भारत।

शिक्षा, सामाजिक, राजनीति, बदलाव, शिक्षक, ज्ञान, कौशल।

  1. रूहेला, एस0पी (2010)-शिक्षा के दार्शनिक तथा समाजशास्त्रीय आधार, आगरा, अग्रवाल पब्लिकेशन्स।
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Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 6 | November-December 2020
Date of Publication : 2020-12-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 55-59
Manuscript Number : GISRRJ203670
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ. विनय कुमार , "शक्षा में बदलाव किस ओर", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 6, pp.55-59, November-December.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203670

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