सोशल मीडिया और दलित पत्रकारिता (फेसबुक के संदर्भ में)

Authors(1) :-डॉ. आशा रानी

: आधुनिक भारत में भारतीय दलित साहित्य व समाज को विश्व स्तर पर पहुँचाने में दलित पत्रकारिता की विशेष भूमिका रही है । दलित संपादकों द्वारा सम्पादित पत्र-पत्रिकाओं ने दलितों के साहित्य, संस्कृति, इतिहास, समाज, धर्म, दर्शन, लोक-कलाओं को पाठकों तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है । यहाँ तक सोशल मीडिया की बात है, सोशल मीडिया एक परम्परागत पत्रकारिता का रूप न होकर इन्टरनेट द्वारा एक ऐसी दुनिया को निर्मित करता है, जो पूरे विश्व को एकसाथ जोड़ता है । यह सूचनाओं को सम्प्रेषित करने का एक त्वरित सामाजिक संचार माध्यम है जिसमें हर क्षेत्र की खबरें समाहित होती हैं । सहज उपलब्ध सोशल मीडिया क्षणभर में सूचनाओं को आग की तरह पूरे विश्व में फैलाने की क्षमता रखता है । आज यह माध्यम किसी व्यक्ति, संस्था, समूह, वर्ग और देश की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक रूप से समृद्ध करने में महती भूमिका निभा रहा है । सोशल मीडिया ने सभी को एक नया क्षितिज दिया है, मूकों को वाणी दी है । जबसे सोशल मीडिया अस्तित्व में आया है उसने ऐसे कई विकासात्मक कार्य किये हैं जिससे लोकतान्त्रिक व्यवस्था को मज़बूती मिली है और देश की परिस्थितियों में गुणात्मक सुधार देखने को मिला है । सोशल मीडिया में यदि फेसबुक माध्यम की बात करें तो इससे वर्तमान में करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं । इस शोध पत्र में फेसबुक के माध्यम से पत्रकारिता के स्तर और उसकी उपयोगिता तथा अन्य कई पक्षों पर चर्चा व विश्लेषण किया गया है ।

Authors and Affiliations

डॉ. आशा रानी
एसोसिएट प्रोफेसर, पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली, भारत।

फेसबुक, सोशल मीडिया, पत्रकारिता, दलित पत्रकारिता, दलित ।

  1. आज का दलित साहित्य, डॉ. तेज सिंह, दिल्ली : आतिश प्रकाशन, 2000, पृष्ठ. 105
  2. हिन्दी की दलित पत्रकारिता पर पत्रकार डॉ.अंबेडकर का प्रभाव, श्योराज सिंह बेचैन, पृष्ठ.15
  3. भारतीय दलित पत्रकारिता, अश्वनी कुमार, नई दिल्ली : स्वराज प्रकाशन, 2019, पृष्ठ. 12
  4. भारतीय दलित पत्रकारिता, अश्वनी कुमार, नई दिल्ली : स्वराज प्रकाशन, 2019, पृष्ठ. 1
  5. भारतीय दलित पत्रकारिता, अश्वनी कुमार, नयी दिल्ली : स्वराज प्रकाशन, 2019, पृष्ठ. 27
  6. डॉ. महीप सिंह, संचेतना (दलित साहित्य : एक चिन्तन) दिसम्बर-मार्च, 1981-82, अंक -4, पृष्ठ. 68
  7. https://www.newslaundry.com/2020/12/01/digital-mainstream-media-journalist-dilip-mandal-upper-caste-domination   
  8. रमणिका गुप्ता, (सम्पादकीय) युद्धरत आम आदमी- (दलित साहित्य का दर्शन) जनवरी-मार्च 2002, पृष्ठ- 9
  9. https://www.pravakta.com/dalit-participation-in-the-media/
  10. डॉ. जयप्रकाश कर्दम, इक्कीसवीं सदी में दलित आन्दोलन : साहित्य एवं समाज चिंतन, पंकज पुस्तक मंदिर, नई दिल्ली, पृष्ठ- 49

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 2 | March-April 2021
Date of Publication : 2021-03-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 01-08
Manuscript Number : GISRRJ21321
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ. आशा रानी, "सोशल मीडिया और दलित पत्रकारिता (फेसबुक के संदर्भ में) ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 2, pp.01-08, March-April.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ21321

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