Manuscript Number : GISRRJ21332
आधुनिक परिप्रेक्ष्य में योग की स्वास्थ्य विषयक अवधारणा
Authors(1) :-डॉ० उमाकान्त यादव योग आत्मोपचार एवं आत्मदर्शन की श्रेष्ठ आध्यात्मिक विद्या है। यह व्यक्तित्व को वामन से विराट बनाने का सशक्त माध्यम है। साथ ही यह एक उत्तम चिकित्सा पद्धति है जो शारीरिक एवं मानसिक व्याधि को निर्मूल करती है। योग एलोपैथी की तरह कोई लाक्षणिक चिकित्सा नहीं है अपितु यह रोगों के मूल कारण को दूर कर हमें आन्तरिक स्वस्थता प्रदान करता है। अतः आधुनिक युग में योगविद्या को पूर्णनिष्ठा से अपनाने की आवश्यकता है।
डॉ० उमाकान्त यादव आधुनिक, योग, स्वास्थ्य, आत्मदर्शन, आध्यात्मिक, विद्या, शरीरिक, मानसिक, चिकित्सा,योगविद्या।
Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 4 | July-August 2020 Article Preview
प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-07-15
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 68-75
Manuscript Number : GISRRJ21332
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ21332