समकालीन परिस्थितियों में शांति शिक्षा में उपकरण के रूप में योग

Authors(1) :-डा. भारती कौशल

वर्तमानकालिक जीवन अपने सभी पहलुओं में अधिकाधिक हिंसा और संघर्षों से ग्रस्त होता जा रहा है, वहाँ दूसरी ओर संघर्षों को हल करने और प्रतिदिन मानवीय अस्तित्व बनाए रखने में शांति प्राप्त करने हेतु बढ़ती चिंता विचारणीय विषय है। इस गहन चिंता ने विश्व स्तर पर शांति शिक्षा के अनुप्रयोग में स्वयं की महत्ता को व्यक्त किया है। आज शिक्षा के क्षेत्र में यह अहसास बढ़ रहा है कि बच्चों को शांतिपूर्ण जीवन जीने की कला में शिक्षित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वर्धमानिक पीढ़ी शांति के मूल्य को आत्मसात करे ताकि उभरती विश्व व्यवस्था शांति की संस्कृति पर आधारित हो। चूंकि समाज में शांति मानव मनस के भीतर शांति की अभिव्यक्ति है, इसलिए उचित साधनों को अपनाकर आंतरिक शांति का पोषण करना महत्वपूर्ण है। कई अभ्यासकर्ताओं द्वारा यह बताया गया है कि योग आंतरिक शांति उत्पन्न करने में प्रभावी है। इसी तथ्यात्मक पहलू पर दृष्टिपात डालने का प्रयास प्रस्तुत पत्र के माध्यम से किया गया है।

Authors and Affiliations

डा. भारती कौशल
सहायकाचार्या (अतिथि), श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली‚भारत।

शांति शिक्षा, मानव मनस, योग।

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 3 | May-June 2021
Date of Publication : 2021-05-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 35-40
Manuscript Number : GISRRJ21337
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डा. भारती कौशल, "समकालीन परिस्थितियों में शांति शिक्षा में उपकरण के रूप में योग ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 3, pp.35-40, May-June.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ21337

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